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दक्ष प्रजापति
सती के पिता / From Wikipedia, the free encyclopedia
दक्ष प्रजापति को अन्य प्रजापतियों के समान ब्रह्मा जी ने अपने मानस पुत्र के रूप में उत्पन्न किया था। दक्ष प्रजापति का विवाह स्वायम्भुव मनु की कन्या प्रसूति और वीरणी के साथ हुआ था। दक्ष राजाओं के देवता थे एवम् भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे। श्रीमद्भागवत महापुराण के अनुसार पहले जन्म में दक्ष ब्रह्मा के पुत्र और दूसरे जन्म में वैवस्वत मन्वंतर में दक्षप्रजापति का जन्म प्राचीनबरही के पुत्र प्रचेताओं से हुआ और उन्होंने महाराज वीरन की पुत्री आस्स्किनी से विवाह किया और भगवान विष्णु के अष्टभुजा रूप की आराधना करके 30000 पुत्रों को जन्म दिया जिनको नारद जी ने विरक्त कर दिया इस पर क्रोधित होकर दक्ष प्रजापति ने नारद जी को 14 भवनों में अस्थिर और केवल दो घड़ी तक रहने का शाप दे दिया।
प्रजापति दक्ष | |
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राजाओं के देवता | |
![]() दुनियां के सबसे महान सम्राट राजा दक्ष प्रजापति | |
संबंध | प्रजापति |
निवासस्थान | ब्रह्मलोक |
अस्त्र | तलवार |
जीवनसाथी | प्रसूति और वीरणी |
माता-पिता |
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भाई-बहन | सनकादि ऋषि तथा नारद मुनि |
संतान |
सती समेत चौरासी पुत्रियां 30,000 पुत्र |
सवारी | बाज |
भगवान बौद्ध जोकि बौद्ध धर्म के संस्थापक हैं उनकी मौसी भी प्रजापति ही थी बौद्ध जन्म के सातवें दिन बौद्ध की मां का निधन हो गया था, तो बौद्ध का लालन पालन बौद्ध की मौसी(मां) प्रजापति गौतमी ने किया था इस प्रकार भगवान बौद्ध भी प्रजापति ही थे।