थाईलैण्ड
दक्षिण पूर्व एशिया का एक देश, / From Wikipedia, the free encyclopedia
थाईलैंड का राजतंत्र जिसका प्राचीन भारतीय नाम श्यामदेश (या स्याम) है दक्षिण पूर्वी एशिया में एक देश है। इसकी पूर्वी सीमा पर लाओस और कम्बोडिया, दक्षिणी सीमा पर मलेशिया और पश्चिमी सीमा पर म्यानमार है। 'स्याम' ही ११ मई, १९४९ तक थाईलैण्ड का अधिकृत नाम था। थाई शब्द का अर्थ थाई भाषा में 'स्वतन्त्र' होता है। यह शब्द थाई नागरिकों के सन्दर्भ में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस कारण कुछ लोग विशेष रूप से यहाँ बसने वाले चीनी लोग, थाईलैंड को आज भी स्याम नाम से पुकारना पसन्द करते हैं। थाईलैण्ड की राजधानी बैंकाक है।
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थाईलैंड का राजतंत्र ราชอาณาจักรไทย (Thai) Kingdom Of Thailand
(Ratcha-anachak Thai) ราชอาณาจักรไทย |
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राष्ट्रगान: फ्लेङ् चात् थाइ (रुपांतर) कुल गीत: फ्लेङ् सेंसोइन फरा बारामी (रुपांतर) |
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भूरे रंग में दक्षिण पूर्व एशिया और हरे रंग में थाईलैण्ड
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राजधानी और सबसे बड़ा नगर | बैंकाक 13°45′N 100°29′E | |||||
राजभाषा(एँ) | थाई | |||||
निवासी | थाई | |||||
सरकार | संसदीय लोकतंत्र और संवैधानिक राजशाही | |||||
- | राजा | राम दशम | ||||
- | प्रधानमंत्री | प्रयुत चन ओचा | ||||
गठन | ||||||
- | सुखोठइ राजशाही | १२३८ | ||||
- | संवैधानिक राजशाही | २४ जून १९३२ | ||||
- | बाद का संविधान | २४ अगस्त २००७ | ||||
क्षेत्रफल | ||||||
- | कुल | ५१३,११५ km2 (५०वाँ) | ||||
- | जल (%) | ०.४ (२,२३० km2) | ||||
जनसंख्या | ||||||
- | दिसंबर २००७ जनगणना | ६३,०३८,२४७ (२१ वां) | ||||
- | २००० जनगणना | ६०,६०६,९४७ | ||||
- | घनत्व | १२२/km2 (८५वाँ) | ||||
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) | २००८ प्राक्कलन | |||||
- | कुल | $५४६.०९५ अरब (-) | ||||
- | प्रति व्यक्ति | $८,२२५ (-) | ||||
मानव विकास सूचकांक (२०१३) | ०.७२२[1] उच्च · ८९वाँ |
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मुद्रा | थाई बाट (฿) (THB) | |||||
समय मण्डल | (यू॰टी॰सी॰+७) | |||||
दूरभाष कूट | ६६ | |||||
इंटरनेट टीएलडी | .th | |||||
1. | ^ Thai name: Krung Thep Maha Nakhon or Krung Thep The full name is "Krung Thep Mahanakhon Amon Rattanakosin Mahinthara Yuthaya Mahadilok Phop Noppharat Ratchathani Burirom Udomratchaniwet Mahasathan Amon Phiman Awatan Sathit Sakkathattiya Witsanukam Prasit." | |||||
2. | ^ According to the Department of Provincial Administration's official register, not taking into account unregistered citizens and immigrants. |
बौद्ध धर्म का थाईलैंड के राज परिवार पर सदियों से गहरा प्रभाव रहा है। माना यह जाता है कि थाईलैंड के राजा भगवान विष्णु (बुद्ध) के नाम से जानें जातें हैं। इसी भावना का सम्मान करते हुए थाईलैंड का राष्ट्रीय प्रतीक गरुड़ है।
थाईलैंड में राजा को राम बोद्धिसत्व (दशरथ जातक कथा)कहा जाता है। है। ये स्थान बैंकॉक से कोई 50-60 किलोमीटर दूर होगा। यहां पर बौद्ध मंदिरों की भी भरमार है जिनमें भगवान बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं में मूर्तियां स्थापित हैं। क्या ये कम हैरानी की बात है कि बौद्ध होने के बावजूद थाईलैंड के लोग अपने राजा को राम का वंशज होने के चलते विष्णु का अवतार मानते हैं। इसलिए थाईलैंड में एक तरह से राम राज्य है। वहां के राजा को भगवान राम का वंशज माना जाता है। थाईलैंड में 94 प्रतिशत आबादी बौद्ध धर्मावलंबी है। फिर भी इधर का राष्ट्रीय चिन्ह गरुड़ है। हिंदू पौराणिक कथाओं में गरुड़ को विष्णु की सवारी माना गया है। गरुड़ के लिए कहा जाता है कि वह आधा पक्षी और आधा पुरुष है। उसका शरीर इंसान की तरह का है, पर चेहरा पक्षी से मिलता है। उसके पंख हैं। अब प्रश्न उठता है कि जिस देश का सरकारी धर्म बौद्ध हो वहां पर हिंदू धर्म का प्रतीक क्यों है? इसका उत्तर ये है कि चूंकि थाईलैंड मूल रूप से हिंदू धर्म था, इसलिए उसे इस में कोई विरोधाभास नजर नहीं आता कि वहां पर हिंदू धर्म का प्रतीक राष्ट्रीय चिन्ह हो। एक सामान्य थाई गर्व से कहता है कि उसके पूर्वज हिंदू थे और उसके लिए हिंदू धर्म भी आदरणीय है। आपको थाईलैंड एक के बाद एक आश्चर्य देता है। वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है। वैसे थाईलैंड में थेरावाद बौद्ध के मानने वाले बहुमत में हैं, फिर भी वहां का राष्ट्रीय ग्रंथ रामायण है। जिसे थाई भाषा में ‘राम-कियेन’ कहते हैं, जिसका अर्थ राम-कीर्ति होता है, जो वाल्मीकि रामायण पर आधारित है। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के सबसे बड़े और भव्य हॉल का नाम ‘रामायण हॉल’ है। यहां पर राम कियेन पर आधारित नृत्य नाटक और कठपुतलियों का प्रदर्शन प्रतिदिन होता है। राम कियेन के मुख्य पात्रों में राम (राम), लक (लक्ष्मण), पाली (बाली), सुक्रीप (सुग्रीव), ओन्कोट (अंगद), खोम्पून ( जाम्बवन्त), बिपेक ( विभीषण), रावण, जटायु आदि हैं।
नवरात्र पर बैंकॉक के सिलोम रोड पर स्थित श्री नारायण मंदिर थाईलैंड के हिंदुओं का केंद्र बन जाता है। यहां के सभी हिंदू इधर कम से एक बार जरूर आते हैं, पूजा या फिर सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए। इस दौरान भजन, कीर्तन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान जारी रहते हैं। दिन-रात प्रसाद और भोजन की व्यवस्था रहती है। इस दौरान दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती जी की एक दिन सवारी भी मुख्य मार्गो से निकलती है। इसमें भगवान गणपति, कृष्ण, सुब्रमण्यम और दूसरे देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी सजाकर किसी वाहन में रखा गया होता है। इस आयोजन में हजारों बौद्ध भी भाग लेते हैं। ये सवारी अपना तीन किलोमीटर का रास्ता सात घंटे में पूरा करती है। इसमें संगीत और नृत्य टोलियां भी रहती हैं।
दक्षिण पूर्व एशिया के इस देश में हिंदू देवी-देवताओं और प्रतीकों को आप चप्पे-चप्पे पर देखते हैं। यूं थाईलैंड बौद्ध देश हैं। पर राम भी अराध्य हैं। राजधानी बैंकॉक से सटा है अयोध्या शहर। मान्यता है कि यही थी भगवान श्रीराम की राजधानी। थाईलैंड के बौद्ध मंदिरों में आपको ब्रह्मा,विष्णु और महेश की मूर्तियां और चित्र मिल जाएंगे। इन सभी देवी-देवताओं के अलग से मंदिर भी हैं। इनमें रोज बड़ी संख्या में हिंदू और बौद्ध पूजा अर्चना के लिए आते हैं। यानी थाईलैंड बौद्ध और हिंदू धर्म का सुंदर मिश्रण पेश करता है। कहीं कोई कटुता या वैमनस्थ का भाव नहीं है।
बैंकॉक स्थित शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर विष्णु मंदिर वगैरह का निर्माण हिन्दुओं के साथ-साथ यहां के बौद्धों ने भी करवाया है। ये वास्तव में कमाल है। जहां तक हिंदू मंदिरों की बात है तो इन्हें यहां पर दशकों से बस गए भारत वंशियों ने बनवाया है। कुछ मंदिर निजी प्रयासों से भी बने हैं। थाईलैंड में तमिल और उत्तर भारत के भारतवंशी हैं। इसलिए मंदिर पर दक्षिण और उत्तर भारत के मंदिरों की तरह से बने हुए हैं। बैंकॉक के प्रमुख रथचेप्रयोंग चौराहे पर ब्रह्मा जी के मंदिर में लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां देखने लायक हैं। इनमें हिंदुओं साथ-साथ बौद्ध भी आ रहे हैं। कहीं कोई भेदभाव नहीं है। गौरतलब यह है कि कई बौद्ध मंदिरों में हिंदू देवी-देवताओं के चित्र और मूर्तियां हैं। ये सब देखकर लगता है कि हिंदू और बौद्ध सहअस्तित्व में विश्वास करते है। ये सहनशील है। पृथक धर्म होने पर भी एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव स्पष्ट है।
बौद्ध अनुयायी थाईलैंड लाखों की संख्या में पहुंचते हैं। थाईलैंड में प्रति वर्ष 80 लाख पर्यटक पहुंच रहे हैं। इनमें से अधिकतर भगवान बुद्ध से जुड़े मंदिरों के दर्शन करने के लिए वहां पर जाते हैं।आधिकारिक तौर पर थाईलैंड का साम्राज्य और ऐतिहासिक रूप से सियाम (1939 तक आधिकारिक नाम) के रूप में जाना जाता है, इंडोचाइनीज प्रायद्वीप पर दक्षिण पूर्व एशिया में एक देश है । 66 मिलियन की आबादी के साथ, यह 513,115 वर्ग किलोमीटर (198,115 वर्ग मील) में फैला है। थाईलैंड की सीमा उत्तर-पश्चिम में म्यांमार , उत्तर-पूर्व और पूर्व में लाओस , दक्षिण-पूर्व में कंबोडिया, दक्षिण में थाईलैंड की खाड़ी और मलेशिया और दक्षिण-पश्चिम में अंडमान सागर से लगती है; यह दक्षिण-पूर्व में वियतनाम और दक्षिण-पश्चिम में इंडोनेशिया और भारत के साथ समुद्री सीमा भी साझा करता है ।थाईलैंड , आधिकारिक तौर पर थाईलैंड का साम्राज्य और ऐतिहासिक रूप से सियाम (1939 तक आधिकारिक नाम) के रूप में जाना जाता है, इंडोचाइनीज प्रायद्वीप पर दक्षिण पूर्व एशिया में एक देश है । 66 मिलियन की आबादी के साथ, [8] यह 513,115 वर्ग किलोमीटर (198,115 वर्ग मील) में फैला है। थाईलैंड की सीमा उत्तर-पश्चिम में म्यांमार , उत्तर-पूर्व और पूर्व में लाओस , दक्षिण-पूर्व में कंबोडिया , दक्षिण में थाईलैंड की खाड़ी और मलेशिया और दक्षिण-पश्चिम में अंडमान सागर से लगती है; यह दक्षिण-पूर्व में वियतनाम और दक्षिण-पश्चिम में इंडोनेशिया और भारत के साथ समुद्री सीमा भी साझा करता है। बैंकॉक राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है।