डिक्लेरेशन ऑफ़ राइट्स, १६८८
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डिक्लेरेशन ऑफ़ राइट्स या अधिकार घोषणापत्र, 1688 की गौरवशाली क्रांति के बाद इंग्लिश पार्लियामेंट (इंग्लैंड की संसद) द्वारा निर्मित एक दस्तावेज है। इसने निर्वासित राजा जेम्स द्वितीय, इंग्लैंड के राजा, अंग्रेजी नागरिकों के अधिकारों और उनके संप्रभु के दायित्व के आधार पर गलतियां तय कीं थीं।
13 फरवरी 1689 को इसे, जेम्स की बेटी, मैरी और उनके पति, विलियम ऑफ़ ऑरेंज के समक्ष पढ़ा गया, जब उन्हें संयुक्त रूप से सिंहासन की पेशकश की गई थी, हालांकि इसे स्वीकृति की शर्त की तरह नहीं पेश किया गया था।[1] यह घोषणापत्र मौलिक रूपसे व्हिग और टोरीज़ के बीच एक सामरिक समझौता था; अतः यह समाधान पर सहमत हुए बिना शिकायतों को स्थापित करता है।
अधिकारों की यह घोषणा अंग्रेजी अधिकारों के विधेयक (बिल ऑफ़ राइट्स) में लिखी गई थी, जिसने दिसंबर 1689 में राजा और रानी की शाही स्वीकृति के साथ वैधानिक प्रभाव लिया, और बाद में अंग्रेजी संविधान का हिस्सा बन गया।[2]