टकलामकान
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टकलामकान मरुस्थल (उइग़ुर: تەكلىماكان قۇملۇقى, तेकलीमाकान क़ुम्लुक़ी) मध्य एशिया में स्थित एक रेगिस्तान है। इसका अधिकाँश भाग चीन द्वारा नियंत्रित शिंजियांग प्रांत में पड़ता है। यह दक्षिण से कुनलुन पर्वत शृंखला, पश्चिम से पामीर पर्वतमाला और उत्तर से तियन शान की पहाड़ियों द्वारा घिरा हुआ है।[1] डारेम नदी इसकी उत्तरी सीमा बनाती है। डारेम नदी का अधिकांश बेसिन इसके अंतर्गत आता है। पूर्व से पश्चिम इस मरुस्थल की लंबाई लगभग 1000 किलोमीटर है।
प्राचीन काल में यह क्षेत्र उपजाऊ तथा बौद्ध संस्कृति का केन्द्र था। लेकिन अब यह शुष्क एवं निर्जन प्रदेश है, जहाँ बालू के ३,००० फुट या इससे भी अधिक ऊँचे टीले पाए जाते हैं। यह संसार के बालू के टीलों में से संभवतः सबसे अधिक भयावह तथा वास्तविक मरुस्थल है। यहाँ की भूमि उपजाऊ है तथा जहाँ कहीं सिंचाई की सुविधाएँ उपलब्ध हैं, वहाँ अच्छी फसलें उत्पन्न की जाती हैं। इस मरुभूमि के किनारों पर कई मरूद्यान तथा कारवाँ मार्ग हैं। यारकेन्द तथा कोतान प्रमुख मरूद्यान हैं। स्वीडेन के अन्वेषक स्वेन एंडर्स हेडिन द्वारा ताकला माकान में महत्वपूर्ण अन्वेषण किए गए थे।