जॉन मथाई
भारतीय राजनीतिज्ञ / From Wikipedia, the free encyclopedia
डॉ जॉन मथाई भारत के शिक्षाविद, अर्थशास्त्री एवं न्यायविद् थे।
जॉन मथाई | |
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जॉन मथाई 1949 | |
पद बहाल 22 सितंबर 1948 – 1 जून 1950 | |
प्रधानमंत्री | जवाहरलाल नेहरू |
पूर्वा धिकारी | आर के शानमुखम चेट्टी |
उत्तरा धिकारी | सी डी देशमुख |
पद बहाल 15 अगस्त 1947 – 22 सितंबर 1948 | |
प्रधानमंत्री | जवाहरलाल नेहरू |
पूर्वा धिकारी | Inaugural Holder |
उत्तरा धिकारी | नरसिंह गोपालस्वामी अयंगर |
जन्म | 10 जनवरी 1886 कलिकट, मद्रास, ब्रिटिश भारत (अब कोझिकोडे, केरल, भारत)ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
मृत्यु | फरवरी 1959ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
शैक्षिक सम्बद्धता | मद्रास कॉलेज |
धर्म | इसाई |
जॉन मथाई का जन्म त्रिवेंद्रम नगर में 10 जनवरी 1886 ई को एक धनी कुटुंब में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा त्रिवेंद्रम में ही हुई। इसके उपरांत उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कालेज में शिक्षा प्राप्त की। बी ए तथा बी एल की डिग्रियाँ प्राप्त कर वे लंदन गए और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से बी लिट् की डिग्री प्राप्त की। फिर उन्होंने डी एस-सी की डिग्री लंदन विश्वविद्यालय से प्राप्त की।
1910 ई से 1918 ई तक वे मद्रास हाईकोर्ट के वकील रहे। 1920 ई से 1925 ई तक मद्रास के प्रेजीडेंसी कालेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे। 1922 ई से 1925 ईदृ तक वे मद्रास लेजिस्लेटिव कौंसिल के तथा 1925 से 1931 तक इंडियन टैरिफ बोर्ड के सदस्य रहे। 1935 में वे कामर्शियल इंटेलिजेंस तथा स्टैटिस्टिक्स के महा निदेशक नियुक्त हुए। 10 जनवरी 1940 ई को उन्हें अवकाश प्राप्त हुआ।
1944 ई से 1946 ई तक टाटा संस लिमिटेड के निदेशक रहने के बाद केंद्र में परिवहन मंत्री बने। इसके बाद 1950 तक उन्होंने वित्त मंत्री का कार्यभार सम्हाला और फिर यहाँ से त्यागपत्र देकर वे पुन: टाटा संस लिमिटेड के निदेशक नियुक्त हुए। जुलाई, 1955 ई से सितंबर, 1956 ई तक वे भारतीय स्टेट बैंक के बोर्ड ऑव डाइरेक्टर्स के अध्यक्ष रहे। इसी बीच वे मुंबई विश्वविद्यालय के उपकुलपति नियुक्त हुए और फिर 1958 से 1959 तक केरल विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे। 1959 ई में भारत सरकार ने उन्हें पद्मविभूषण की उपाधि से विभूषित किया। उनकी मृत्यु फरवरी 1959 ई में हुई।
डाक्टर जॉन मथाई ने ये पुस्तकें लिखी हैं :
(1) विलेज गवर्नमेंट इन ब्रिटिश इंडिया
(2) ऐग्रीकलचरल कोआपरेशन इन इंडिया,
(3) एक्साइज ऐंड लिकर कंट्रोल।