क्रिकेट की गेंद
From Wikipedia, the free encyclopedia
क्रिकेट की गेंद एक सख्त, ठोस गेंद होती है जिसका इस्तेमाल क्रिकेट खेलने में किया जाता है। चमड़े और काग (कॉर्क) से तैयार क्रिकेट की गेंद, प्रथम श्रेणी स्तर पर पूर्णतया क्रिकेट के नियमों के अधीन होती है। गेंदबाजी करने और बल्लेबाज को आउट करने में क्रिकेट की गेंद की विभिन्न विशेषताओं के इस्तेमाल और जोड़तोड़ की प्रमुख भूमिका होती है - हवा और जमीन पर गेंद का घुमाव, गेंद की स्थिति और गेंदबाज की कोशिशों पर निर्भर करता है, जबकि क्षेत्ररक्षण करने वाले दल की एक प्रमुख भूमिका है अपने अधिकतम फायदे के लिए गेंद को एक आदर्श अवस्था प्रदान करना। बल्लेबाज रन बनाने के लिए मुख्यतः क्रिकेट की गेंद का इस्तेमाल करता है, इसके लिए वह गेंद को ऐसी जगह मारता है जहां रन लेना सुरक्षित होता है, या फिर गेंद को सीमा पार पहुंचा देता है।
कई दिनों तक चलने वाले टेस्ट क्रिकेट और ज्यादातर घरेलू मैचों में पारंपरिक लाल रंग की गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। कई एकदिवसीय क्रिकेट मैचों में सफेद रंग की गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। ट्रेनिंग के लिए सफेद, लाल और गुलाबी गेंद भी आम हैं, इसके अलावा ट्रेनिंग या आधिकरिक मैचों के लिए विंड गेंदों और टेनिस गेंदों का भी इस्तेमाल किया जाता है। क्रिकेट मैच के दौरान गेंद ऐसी स्थिति में पहुंच जाती है जहां वो इस्तेमाल के लायक नहीं रहती है, इस दौरान गेंद की विशेषताएं बदल जाती हैं और ये मैच को प्रभावित करती हैं। मैच के दौरान क्रिकेट के नियमों के मुताबिक एक हद के बाहर गेंद से छेड़छाड़ करने की मनाही होती है और गेंद के साथ छेड़छाड़ करने की घटनाओं से कई विवाद खड़े हो चुके हैं।
क्रिकेट की गेंदों का वजन 155.9 ग्राम और 163 ग्राम के बीच होता है और इन्हें अपनी कठोरता तथा इस्तेमाल से जख्मी होने के खतरे के लिए जाना जाता है। क्रिकेट की गेंद से होने वाले खतरे की वजह से ही सुरक्षात्मक उपकरणों को क्रिकेट के खेल में शामिल किया गया था। क्रिकेट मैच के दौरान अक्सर खिलाड़ियों के जख्मी होने के मामले सामने आते रहते हैं, इनमें से कुछ मामले क्रिकेट गेंद की वजह से होते हैं।