कुमारिल भट्ट
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कुमारिल भट्ट (लगभग ६५० ई) भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक थे। वे मीमांसा दर्शन के दो प्रधान सम्प्रदायों में से एक भट्टसम्प्रदाय के संस्थापक थे। उन्होने मीमांसा पर अनेक ग्रन्थों की रचना की जिसमें मीमांसाश्लोकवार्त्तिक सर्वाधिक प्रसिद्ध है। उन्होने वेदों को अपौरुषेय सिद्ध किया। मणिक्क वचगर का विचार है कि कुमारिल सगुण ब्रह्म में विश्वास करते थे। श्लोकवार्तिक तथा तन्त्रवार्तिक में कुमारिल के असाधारण पाण्डित्य तथा प्रतिभा का परिचय मिलता है।