पश्चिमी चालुक्य वास्तुशैली
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पश्चिमी चालुक्य वास्तुशैली (Western Chalukya architecture), जिसे कल्याणी चालुक्य वास्तुशैली (Kalyani Chalukya architecture) भी कहा जाता है, आधुनिक मध्य कर्नाटक के तुंगभद्रा क्षेत्र में 11वीं और 12वीं शताब्दियों में पश्चिमी चालुक्य साम्राज्य के काल में पनपने वाली वास्तु शैली है। उस समय दक्कन पठार पर पश्चिमी चालुक्यों का ज़ोर था।[1]