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एस्पेरांतो
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एस्पेरांतो (अंग्रेज़ी : Esperanto) एक आसान और कृत्रिम अंतरराष्ट्रीय भाषा है। "दोक्तोरो एस्पेरांतो" के उपनाम से इस भाषा के निर्माता पोलिश ऑकुलिस्ट लुडविग लाज़र ज़ामेनहोफ़ ने एस्पेरांतो की पहली किताब १८८७ में वारसा (पोलैंड, तब रूस में) में प्रकाशित की थी। उनकी चाहत थी कि एस्परान्तो एक वैश्विक भाषा बने। इस भाषा में "एस्पेरांतो" शब्द का अर्थ है "आशा रखने वाला"।
एस्पेरांतो | ||||
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Esperanto | ||||
![]() एस्पेरांतो का झंडा | ||||
उच्चारण | [espeˈranto] | |||
सर्जक | लुडविग लाज़र ज़ामेनहोफ़ | |||
तिथि / काल | 2004 | |||
Setting and usage | अंतर्राष्ट्रीय सहायक भाषा | |||
वक्ता | मूल एस्पेरांतो वक्ते: करीब 1,000 परिवार जिनमें 2,000 के आस-पास बच्चे हैं | |||
Category (purpose) |
आयोजित भाषा
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उपभाषा | इदो और कुछ और एस्पेरांतीदो भाषाएँ | |||
लिपि |
लातिनी लिपि (एस्पेरांतो वर्णमाला) एस्पेरांतो ब्रेल | |||
Category (sources) | रोमांस और जर्मन भाषाएँ से शब्दावली, स्लाव भाषाएँ से व्याकारण | |||
राजभाषा मान्यता | ||||
औपचारिक मान्यता | None | |||
नियंत्रक संस्था | एस्पेरांतो अकादमी | |||
भाषा कोड | ||||
आइएसओ 639-1 | eo | |||
आइएसओ 639-2 | epo | |||
आइएसओ 639-3 | epo | |||
लिंग्विस्ट लिस्ट | epo | |||
भाषावेधशाला | 51-AAB-da | |||
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यह भाषा यूरोप की प्रमुख भाषाओं के मदद से बनाई गई थी। इसकी लिपि भी ध्वनि सिद्धांतों पर आधारित है। लिपि जैसे पढ़ी जाती है, भाषा का वैसे ही उच्चारण होता है। अलग-अलग मातृ भाषाएँ बोलने वालों के लिये एस्पेरांतो एक सामूहिक, आयोजित, सरल भाषा है। ज़ामेनहोफ़ का उद्देश्य था की एक ऐसी भाषा हो जो सीखने में आसान हो, राजनैतिक दृष्टि से तटस्थ हो, जो राष्ट्रीयता के पार हो और भिन्न-भिन्न प्रांतीय और राष्ट्रीय भाषाओँ के बोलने वालों के बीच शांति और अंतरराष्ट्रीय संचार का साधन बन सके।
कहा जाता है कि आज दुनिया में १ लाख से २० लाख के बीच लोग एस्पेरांतो बोल सकते हैं। इस भाषा को बोलने वालों की सबसे बड़ी संख्या यूरोप, पूर्वी एशिया और दक्षिण अम्रीका में है। पहला विश्व एस्पेरांतो सम्मलेन १९०५ में फ्रांस में आयोजित किया गया था। उसके बाद, दोनों महायुद्धों को छोड़कर, हर वर्ष अलग-अलग देशों में विश्व सम्मलेन होते आ रहे हैं।
एस्पेरांतो अन्य भाषाएं सीखने के लिए प्रयोग किया जाता है।