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इलेक्ट्रॉन विन्यास
किसी तत्व के परमाणु के विभिन्न गोले में इलेक्ट्रॉन की व्यवस्था का तरीका। / From Wikipedia, the free encyclopedia
परमाणु भौतिकी एवं प्रमात्रा रासायनिकी में, किसी अणु, परमाणु या किसी अन्य भौतिक संरचना में इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था को वैद्युतिक विन्यास कहते हैं।[1] वैद्युतिक विन्यास में इलेक्ट्रॉन को किसी परमाणु या आणविक तन्त्र में वितरित करने का तरीका दिया गया होता है।
![Thumb image](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/a/a1/Electron_Configuration_Table.jpg/320px-Electron_Configuration_Table.jpg)
![आण्विक और परमाणु कक्षीय में इलेक्ट्रॉन](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/1/11/Electron_orbitals.svg/640px-Electron_orbitals.svg.png)
प्रमात्रा यान्त्रिकी के नियमानुसार, केवल एक इलेक्ट्रॉन वाले तन्त्र हेतु, प्रत्येक वैद्युतिक विन्यास के साथ ऊर्जा का एक स्तर जुड़ा होता है और कुछ स्थितियों में, इलेक्ट्रॉन ऊर्जा की एक मात्रा के उत्सर्जन या अवशोषण द्वारा, एक फोटॉन के रूप में, एक विन्यास से दूसरे में जाने में सक्षम होते हैं।
तत्त्वों का आवर्ती वर्गीकरण की संरचना को समझने में विभिन्न परमाण्वों के वैद्युतिक विन्यास का ज्ञान उपयोगी है। यह परमाण्वों को एक साथ रखने वाले रासायनिक बन्धनों का वर्णन करने हेतु भी उपयोगी है। बल्क सामग्रियों में, यही विचार लेज़रों और अर्धचालकों के विशिष्ट गुणों की व्याख्या करने में सहायता करता है।