इला रमेश भट्ट
स्व-नियोजित महिला संघ (एसईडब्ल्यूए) के संस्थापक / From Wikipedia, the free encyclopedia
इला रमेश भट्ट (जन्म - ७ सितंबर १९३३) भारत की एक प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिन्होंने भारत की महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया। 1972 में सेल्फ-एम्पलॉयड वीमन एसोसिएशन (सेवा) नामक महिला व्यापार संघ की स्थापना की थी। 12 लाख से अधिक महिलाएं इसकी सदस्य हैं। इसी तरह उन्होंने 1974 में सेवा को-ऑपरेटिव बैंक की स्थापना की थी। उन्हें 13 मई २०१० को 2010 के निवानो शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इला भट्ट | |
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![]() इला भट्ट (2009) | |
जन्म |
7 सितम्बर 1933 (1933-09-07) (आयु 90) अहमदाबाद, गुजरात |
आवास | अहमदाबाद, गुजरात |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
नागरिकता | भारतीय |
शिक्षा | B.A., LL.B.; Diploma of Labor and Cooperatives; |
शिक्षा की जगह | Sarvajanik Girls High School, Surat; M.T.B. College, Surat; Afro-Asian Institute of Labor and Cooperatives, Tel Aviv |
पेशा | Lawyer, Philanthropist, Activist |
प्रसिद्धि का कारण | founded SEWA |
जीवनसाथी | रमेश भट्ट |
माता-पिता | Sumantrai Bhatt, Vanalila Vyas |
ਬਿਜਲੀ ਰਾਜਭਰ | |
पुरस्कार | पद्मश्री 1985; पद्म भूषण 1986; रेमन मैगसेसे पुरस्कार 1977; Right Livelihood Award 1984; निवानो शांति पुरस्कार; Doctorate degree in Humane Letters, हार्वर्ड विश्वविद्यालय 2001; शांति, निरस्त्रीकरण व विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार2011 |
वर्तमान में वे भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड की एक निदेशक भी हैं।[1]
भारत के पहले मज़दूर संगठन कपड़ा कामगार संघ के महिला प्रकोष्ठ के नेतृत्व से 1968 में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत करने वाली इला भट्ट ने अनौपचारिक क्षेत्र में श्रम करने वाली ग़रीब स्त्रियों को सम्पूर्ण रोज़गार दिलाने स्वयंसेवी का के किये गये संस्थानीकरण की कोशिशों में अनूठा स्थान है। सेल्फ़ इम्पलॉयड वुमॅन एसोसिएशन (सेवा) की शुरुआत इला भट्ट ने 1971 में केवल सात सदस्यों के साथ की थी। आज इसके साथ तेरह लाख से ज़्यादा स्त्रियाँ जुड़ी हैं। यह संगठन अनपढ़ कामगार महिलाओं का अपना बैंक चलाता है जिसके ज़रिये औरतों को स्वरोज़गार के लिए पूँजी मुहैया करायी जाती है। यह नारी आंदोलन, मज़दूर आंदोलन और सहकारिता आंदोलन का एक संगम है।