रामचन्द्र शुक्ल
हिंदी लेखक (1884-1941) / From Wikipedia, the free encyclopedia
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (4 अक्टूबर 1884 - 2 फरवरी 1941) हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे। उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है हिंदी साहित्य का इतिहास (पुस्तक)| हिन्दी साहित्य का इतिहास]], जिसके द्वारा काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है। हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात भी उन्हीं के द्वारा हुआ। हिन्दी निबन्ध के क्षेत्र में भी शुक्ल का महत्त्वपूर्ण योगदान है। भाव, मनोविकार सम्बन्धित मनोविश्लेषणात्मक निबन्ध उनके प्रमुख हस्ताक्षर हैं। शुक्ल ने साहित्य के इतिहास लेखन में रचनाकार के जीवन और पाठ को समान महत्त्व दिया। उन्होंने प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से साहित्यिक प्रत्ययों एवं रस आदि की पुनर्व्याख्या की। शुक्ल हिंदी साहित्य जगत को समझने की आधिकारिक चाबी है।
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रामचन्द्र शुक्ल | |
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जन्म |
4 अक्टूबर 1882 बस्ती जिला |
मौत |
2 फ़रवरी 1941[1] वाराणसी |
पेशा | लेखक, इतिहासकार |