अरबी साहित्य
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अरबी साहित्य की सर्वप्रथम विशेषता उसकी चिरकालिकता है। उसने अपने दीर्घ जीवन में विभिन्न प्रकार के उतार-चढ़ाव देखे और उन्नति एवं अवनति की विभिन्न अवस्थाओं का अनुभव किया, तथापि इस बीच शृंखालाएँ अविच्छिन्न तथा परस्पर संबद्ध रहीं और उसकी शक्ति एवं सामर्थ्य में अभी तक कोई अंतर नहीं आया।