अभिवचन
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विधि के सन्दर्भ में, विशेष रूप से अंग्रेजी 'कॉमन लॉ' वाले देशों में, किसी सिविल मामले में न्यायालय में पक्षकार या वकील का लिखित कथन या पक्ष-प्रस्तुति अभिवचन (प्लीडिंग) कहलाता है। विभिन्न देशों की सिविल प्रक्रिया संहिताएँ उन देशों में अभिवचन से सम्बन्धित प्रक्रिया को परिभाषित करतीं हैं।
अभिवचन से मतलब वादपत्र और लिखित कथन से है। चूंकि न्यायिक प्रक्रिया स्वतःचालित नहीं होती है, उसे चलाना पड़ता है। न्यायिक प्रक्रिया चलाने का माध्यम अभिवचन है। प्रत्येक न्यायिक प्रक्रिया का आरंभ एवम समाधान अभिवचन से ही होता है। अभिवचन जितना स्पष्ट एवम सुगठित होगा,प्रक्रिया सरल एवं शीघ्रगामी हो जायेगी।
अभिवचन का सम्पूर्ण उद्देश्य पक्षकारों के बीच वास्तविक विवाद का निर्धारण, विवाद के विस्तार क्षेत्र को सीमित करना, और यह देखना कि दोनों पक्ष को किस बिन्दु पर परस्पर विरोध है। एक पक्षकार द्वारा दूसरे को आश्चर्यचकित करने से रोकना और न्याय की हत्या को रोकना भी अभिवचन का उद्देश्य है।