अनगारिक धर्मपाल (सिंहल : අනගාරික ධර්‍මපාල  ; 17 सितम्बर 1864 – 29 अप्रैल 1933)) प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु, बौद्ध धर्म के पुनरुद्धारकर्ता तथा लेखक थे। इनका जन्म श्रीलंका में 17 सितंबर 1864 को हुआ। पिता का नाम डान करोलिंस हेवावितारण तथा माता का मल्लिका था। इनका नाम डान डेविड रखा गया। शिक्षाकाल से ही इन्हें ईसाई स्कूलों में पढ़ने यूरोपीय रहन-सहन और विदेशी शासन से घृणा हो गई थी। शिक्षासमाप्ति पर प्रसिद्ध बौद्ध विद्वान् भदंत हिवकडुवे श्रीसुमंगल नामक महास्थविर से पालि भाषा की शिक्षा और बौद्ध धर्म की दीक्षा ली तथा अपना नाम बदलकर अनागरिक (संन्यासी) धर्मपाल रखा और सार्वजनिक प्रचार कार्य के लिए एक मोटर बस को घर बनाया और उसका नाम "शोभन मालिगाँव" रखकर गाँव-गाँव घूमते विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार तथा बौद्ध धर्म का संदेश देने लगे। प्रथम महायुद्ध के समय ये पाँच वर्षों के लिए कलकत्ता में नजरबंद कर दिए गए। महाबोधि सभा (महाबोधि सोसायटी) इनके ही प्रयत्न से स्थापित हुई। मेरी फास्टर नामक एक विदेशी महिला ने इनसे प्रभावित होकर महाबोधि सोसायटी के लिए लगभग पाँच लाख रुपए दिए थे।

Thumb
अनागारिक धर्मपाल
Thumb
सन २०१४ में भारत सरकार ने अनगारिक धर्मपाल पर एक डाक टिकट जारी किया।

धर्मपाल के प्रयत्नों के परिणामस्वरूप उनके निधनोपरांत राष्ट्रपति डॉ॰ राजेंद्रप्रसाद के हाथों बौद्ध गया वैशाख पूर्णिमा, सं. 2012 अर्थात् 6 मई सन् 1955 को बौद्धों को दे दी गई।

13 जुलाई 1931 को उन्होंने प्रव्रज्या ली और उनका नाम देवमित धर्मपाल हुआ। 1933 की 16 जनवरी को प्रव्रज्या पूर्ण हुई और उन्होंने उपसंपदा ग्रहण की, नाम पड़ा भिक्षु श्री देवमित धर्मपाल। 29 अप्रैल 1933 को 69 वर्ष की आयु में इहलीला संवरण की।

उनकी अस्थियाँ पत्थर के एक छोटे से स्तूप में मूलगंध कुटी विहार के पार्श्व में रख दी गई।

कृतियाँ

  • The World's Debt to The Buddha (1893)
  • The Constructive Optimism of Buddhism (1915)
  • Message of the Buddha (1925)
  • volution from the Standpoint of Buddhism (1926)

Wikiwand in your browser!

Seamless Wikipedia browsing. On steroids.

Every time you click a link to Wikipedia, Wiktionary or Wikiquote in your browser's search results, it will show the modern Wikiwand interface.

Wikiwand extension is a five stars, simple, with minimum permission required to keep your browsing private, safe and transparent.