अंशशोधन
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दो मापनों की तुलना को अंशशोधन (Calibration) कहते हैं। इनमें से पहला मापन ज्ञात शुद्धता वाले मापक यंत्र से नापा गया होता है या ज्ञात परिमाण (magnitude) का होता है तथा दूसरा मापन उस मापक यंत्र से किया जाता है जिसे अंशशोधित करना होता है। ज्ञात परिशुद्धता वाला मापकयंत्र मानक (standard) कहलाता है।
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यदि थर्मामीटर की नली का भीतरी व्यास सर्वत्र समान न हो तो बराबर दूरी पर डिगरी का चिह्न लगाने से त्रुटियाँ उत्पन्न होंगी। फलतः ताप की सच्ची नाप के लिए यह जानना आवश्यक होता है कि प्रत्येक चिह्न पर कितनी त्रुटि है। इसी प्रकार प्रत्येक मापक यंत्र के लिए यह जानना आवश्यक हो जाता है कि प्रत्येक चिह्न (अंश) पर कितनी त्रुटि है। इसी को अंशशोधन (calibration / कैलिब्रेशन) कहते हैं। यंत्र चाहे कितनी भी सावधानी से क्यों न बनाए जाएँ, बनने पर सूक्ष्म जाँच से अवश्य ही कहीं न कहीं कुछ त्रुटि पाई जाती है। फिर, समय बचाने के लिए यंत्र निर्माता बहुधा पूर्ण शुद्धता लाने की चेष्टा भी नहीं करते। इसलिए सूक्ष्म नापों में अंशशोधन महत्त्वपूर्ण होता है। अंशशोधन मुख्यतः पांच प्रकार के होते है 1- प्राथमिक अंशशोधन 2- द्वितीयक अंशशोधन 3- सीधा अंशशोधन 4- परोक्ष अंशशोधन 5- नियमित अंशशोधन