द्वारा भी देखा जा सकता है। टिण्डल प्रभाव को 'टिंडल प्रकीर्णन' (Tyndall scattering) भी कहा जाता है। इस प्रभाव का नाम १९वीं शताब्दी के भौतिकशास्त्री जॉन टिण्डल
कर दे। प्रकाशिकी Fox, M. (2002). Optical Properties of Solids. Oxford University Press. Kerker, M. (1969). The Scattering of Light. Academic, New York.
तरंगों के समान होते हैं । किंतु एक्स-रे किरणों का प्रकीर्णन (स्कैटरिंग, scattering) होने के पश्चात् प्रकीर्ण एक्स-रे के तरंगदैर्ध्य में परिवर्तन हो जाता
प्रकीर्णन (Scattering) एक सामान्य भौतिक प्रक्रिया है जिसमें कोई विकिरण (जैसे प्रकाश, एक्स-किरण आदि) माध्यम के किसी स्थानीय अनियमितता के कारण अपने सरलरेखीय