बृहदांत्रशोथ बृहदान्त्र और मलाशय तक सामित रहता है। साँचा:Pathophysiology in CD vs. UC अति सूक्ष्म रूपमें व्रणमय बृहदांत्रशोथ श्लेष्मकला (आंत के उपकलापरक
करती हैं। नीली-बैंगनी लेज़र के संक्षिप्त तरंग-दैर्घ्य के कारण 12 सेमी की CD/DVD आकार की डिस्क पर अधिक मात्रा में सूचना को संग्रहित कर पाना संभव होता है।
लायक अन्य प्रारूपों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे - सीडी-आरडब्ल्यू (CD-RW) या डीवीडी-रैम (DVD-RAM). फ्लॉपी डिस्क 1980 और 1990 के दशकों के दौरान, कई