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भारतीय फिल्म निर्देशक विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
हंसल मेहता एक भारतीय फिल्म निर्देशक, लेखक, अभिनेता और निर्माता हैं। मेहता ने करियर (1993-2000) के खाना खज़ाना श्रृंखला के साथ टेलीविजन में अपने करियर की शुरुआत की और बाद में ... जयते (१९९९), दिल पे मत ले यार (२०००) और छल (२००२) जैसी फिल्मे बनायीं । वह शाहिद फिल्म के लिए सबसे प्रसिद्ध हैं, जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए 2013 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता । इसके बाद उन्होंने सिटीलाइट्स (2014), अलीगढ़ (2016) और सिमरन (2017) को निर्देशित किया।[2]
हंसल मेहता | |
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Hansal Mehta at an event for Aligarh (2015) | |
जन्म |
1967/1968 (56–57 आयु)[1] |
पेशा | फिल्म निर्देशक, निर्माता, लेखक |
कार्यकाल | 1993–present |
गृह-नगर | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत [1] |
जीवनसाथी | सफीना हुसैन |
माता-पिता | किशोरी मेहता (मां) |
पुरस्कार | सर्वश्रेष्ठ दिग्दर्शन एवं सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार |
हंसल मेहता एक गुजराती भाषी हैं, जिसका जन्म मुंबई के मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। मेहता ने 20 वर्ष की उम्र में सुनीता से शादी की, जिनसे उनके दो बेटे हैं- जय, जो एक निर्देशक और पल्लव हैं। [3][4] सुनीता से तलाक लेने के बाद, मेहता ने सफीना हुसैन से शादी की, जिसके साथ उनकी दो बेटियाँ हैं- किमाया और रेहाना।[5][3][6]
मेहता ने टीवी शो खाना खजाना के साथ निर्देशन करके १९९३ में अपना करिअर शुरू किया, इस प्रकार ज़ी टीवी पर सेलिब्रिटी शेफ संजीव कपूर के टेलिविज़न कैरियर की शुरुआत की। इसके अलावा, मेहता ने अमृता (१९९४), हाइवे (१९९५), यादें (१९९५), लक्ष्य (१९९८), नीति (१९९८) और कई और टेलीविजन श्रृंखलाओं का भी निर्देशन किया।
उन्होंने एक फीचर फिल्म निर्देशक के रूप में अपनी पहली शुरुआत ...जयते नामक फिल्म से की थी जो हैदराबाद, भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में भारतीय पैनोरमा 1999-2000 का हिस्सा थी । यह बाद में दिल पे मत ले यार का निर्देशन किया। उसी साल बाद में छल (2002), एक शैली वाली गैंगस्टर फिल्म आई जिसे उनकी पिछली फिल्मों की तुलना में अधिक प्रशंसा मिले थी।
मेहता वास्तव में राजकुमार राव के साथ अपनी फिल्म शाहिद (2013) के लिए जाने जाते है । शाहिद का 2012 में टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में विश्व स्तर पर प्रदर्शन हुआ। था, जिसके बाद दुनिया भर में कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में इसका प्रदर्शन हुआ। बाद में इस फिल्म को डिज़नी-यूटीवी ने अधिग्रहण कर लिया और अक्टूबर 2013 में वाणिज्यिक तौर पर रिलीज़ किया। ये, मानवाधिकार वकील शाहिद आज़मी के जीवन पर बानी फिल्म थी, जिनकी 2010 में हत्या कर दी गई थी। हंसल को सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए 61 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया जबकि राजकुमार राव ने शाहिद के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का 61 वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता ।[7][8]
शाहिद की सफलता के बाद, हंसल मेहता ने राजकुमार राव के साथ मिलकर फॉक्स स्टार स्टूडियो और महेश भट्ट के लिए प्रशंसित सिटीलाइट्स (ब्रिटिश हिट 'मेट्रो मनीला' का एक आधिकारिक रूपांतर) बनाने के लिए फिर से काम किया। सिटीलाईट के बाद, मेहता ने , अलीगढ़ (2016) फिल्म को निर्देशित किया जो एक मराठी प्रोफेसर और कवि पर आधारित है जिसे समलैंगिक होने के लिए अपने विश्वविद्यालय द्वारा निलंबित किया गया था। यह फिल्म 20 वीं बुसान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह का प्रीमियर बीएफआई लंदन फिल्म फेस्टिवल द्वारा किया गया। अलीगढ़ 17 वीं जिओ मामी मुंबई फिल्म महोत्सव में पुरस्कृत पहली फिल्म थी। उनके लंबे समय सहयोगी अपूर्व असरानी (छल, शाहिद, सिटीलाईट्स में साथ काम किया था) की एक स्क्रिप्ट के आधार पर अलीगढ़ ने मेहता के पसंदीदा अभिनेता मनोज बाजपेयी (जिनका साथ उन्हें दो साल बाद दिल पे मत ले यार के बाद पुनः मिला) आशीष विद्यार्थी (1995, हाइवे के बाद) और राजकुमार राव (शाहिद के बाद से उनका तीसरा प्रोजेक्ट) के साथ पूर्ण किया। अलीगढ़ को इरॉस इंटरनेशनल द्वारा पेश किया गया और सह-उत्पादन किया गया।
Denotes films that have not yet been released |
Title | Release Dates | Notes |
---|---|---|
खाना खज़ाना | 1993–2000 | |
अमृता | 1994 | |
कलाकार | 1996 | |
दूरियां | 1999 | |
दिल पे मत ले यार | 2000 | |
ये क्या हो रहा है | 2002 | |
दस कहानिया | 2007 | |
वुडस्टॉक विला | 2008 | |
राख | 2010 | |
शाहिद | 2013 | |
सिटीलाइट्स | 2014 | |
अलीगढ | 2015 | |
द लास्ट लेटर | 2016 | Short film |
सिमरन | 2017 | |
बोस डेड ऒर अलाइव | 2017 | Web series |
ओमेर्टा | 2018 | |
द एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर | 2018 | Creative producer |
सर्वश्रेष्ठ निर्देशन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार[9] 2013 : शाहिद
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