स्नायु व्यायाम या न्युरोबिक्स (Neurobics) मानसिक व्यायामों को कहते हैं जिनके करने से मस्तिष्क की क्षमता बढ़ने का दावा किया जाता है। इन व्यायामों का वर्णन लारेंस काट्ज ( Lawrence Katz) और मैनिंग रुबिन ने अपनी पुस्तक 'कीप योर ब्रेन अलाइव' में किया है किन्तु इनके सत्य या गलत होने की जाँच अभी तक नहीं की जा सकी है। 'न्यूरोबिक्स' शब्द लारेंस काट्ज द्वारा १९९९ में उछाला गया था।
ऐसा माना जाता है कि ऐसी मानसिक क्रियायें, जिनके करने के आप आदी नहीं हैं, को करने से मस्तिष्क में नये न्यूरॉन और डेन्ट्राइट (dendrites) विकसित करने में मदद मिलती है। इसका कारण यह है कि कार्यों को एक ही तरह से करने से वे क्रियाएँ अधिकांशतः बिना सोचे-समझे हो जातीं हैं जिससे मस्तिष्क को बहुत कम काम करना पड़ता है। किन्तु स्नायु व्यायाम की विधि को अपनाने से दिमाग का व्यायाम होता है।
स्नायु व्यायाम के लिये आवश्यक है कि हर काम को अरूढ़ (नॉन-रूटीन) तरीके से करने का प्रयत्न किया जाय।
बायें हाथ से बुरुश करना, टेलीफोन नम्बर डायल करना, लिखना आदि
आँखे बन्द करके रास्ता चलने की कोशिश करना
घर, विद्यालय, कार्यालय जाने का रास्ता बदल-बदल कर जाना
घड़ी को बायें हाथ के बजाय दायें हाथ की कलाई पर बाँधिये।
आँख बन्द करके कपड़े पहनना
पीठ की तरफ चलना
अलग-अलग वस्तुएँ खाना, अलग-अलग स्वाद लेना
तस्वीरों को उल्टा करके देखना / पुस्तकें उलटी करके पढ़ना
घड़ी को दर्पण में देखना
किसी पत्रिका में कोई अच्छा फोटो देखिये, अब इस फोटो के बारे में २५ विशेषण सोचिये जो इस फोटोग्राफ की विशेषता बताते हों।
जब किसी रेस्टारेण्ट में भोजन करने जाँय तो खाने में प्रयुक्त वस्तुओं को पहचानने की कोशिश करें। अन्त में रेस्टारेण्ट के कर्मचारियों के पूछकर अपने स्वाद पहचानने की क्षमता को परखें।
बहुत से लोगों से भरे हुए किसी कमरे में घुसते मन ही मन समय यह बताने की कोशिश करें कि आपके दायें कितने लोग हैं और बायें लगभग कितने लोग।
किसी पुस्तक से एक मुहावरा चुनें और उन्हीं शब्दों का प्रयोग करते हुए एक नया मुहावरा बनाने की कोशिश करें।
कुछ ऐसा खेलने की कोशिश करें जो पहले कभी नहीं खेला है।
कोई पहेली (puzzle) को हल करने की कोशिश कीजिये। उसके विभिन्न भागों को शीघ्र फिट करने की कोशिश करें। इसे कई बार करें और देखें कि आप पहले की अपेक्षा कम समय में कर पा रहे हैम या नहीं।
सुपरमार्केट में खरीदने वाली वस्तुओं के नाम की सूची बनाने के बजाय उन्हें याद करने की कोशिश करें। निमोनिक्स का प्रयोग करें या उनको अलग-अलग प्रकारों में बाँतकर याद कीजिये।
शब्दकोश से प्रतिदिन एक शब्द याद कीजिये और उसे अपने वार्तालाप में प्रयोग करन की कोशिश कीजिये।
सुबह उठकर रेडियो या टेलीविजन पर समाचार सुनिये। दिन में उन समाचारों के मुख्य बिन्दुओं को याद करने की कोशिश कीजिये।
५ वर्ष से लेकर २५ वर्ष तक के बच्चों और नौजवानों को ध्यान केन्द्रित करने, स्मृति बढ़ाने में मदद मिलती है। जिससे माता-पिता और गुरुओं से सम्बन्ध बनाने में मदद मिलती है।
२६ से ३५ वर्ष के प्रौढों में साक्षात्कार में आत्मविश्वास बढ़ाने, आसानी से सार्वजनिक भाषण करने, बॉस से सम्बन्ध प्रगाढ़ करने आदि में सहायता मिलती है।
३६ से ६५ वर्ष तक की आयु के लोगों के व्यक्तित्व के किसी न किसी पक्ष (पहलू) के विकास में सहायक होता है।
वृद्धों में तनाव कम करता है, मोटर-स्किल्स को बढ़ाता है, स्मृति-लोप को ठीक करता है।