सुहाग रात (1968 फ़िल्म)

1968 की फ़िल्म विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश

सुहाग रात (1968 फ़िल्म)

सुहाग रात 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको आर॰ भट्टाचार्य द्वारा निर्मित और निर्देशित किया गया। कल्याणजी-आनंदजी द्वारा रचित संगीत के साथ इसमें जितेन्द्र और राजश्री प्रमुख भूमिकाओं में हैं।

सामान्य तथ्य सुहाग रात, निर्देशक ...
सुहाग रात
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सुहाग रात का पोस्टर
निर्देशक आर॰ भट्टाचार्य
लेखक एच॰ ए॰ राही
निर्माता आर॰ भट्टाचार्य
अभिनेता जितेन्द्र,
राजश्री
संगीतकार कल्याणजी-आनंदजी[1]
प्रदर्शन तिथि
1968
देश भारत
भाषा हिन्दी
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संक्षेप

लाला हरसुख राय की बेटी रज्जो (राजश्री) को फ्लाइट लेफ्टिनेंट जितेन्द्र से प्यार हो जाता है और उनकी शादी तय हो जाती है। शादी के दिन, युद्ध की घोषणा हो जाती है। शादी रद्द हो जाती है और वह सैन्य कर्तव्य के लिये निकल पड़ता है। वह गंभीर रूप से घायल हो जाता है और अस्पताल में भर्ती किया जाता है। रज्जो का परिवार हवाई बमबारी का शिकार हो जाता है और वह अपने चचेरे भाई के साथ रहने के लिए चली जाती है। जितेन्द्र वापसी करता है और यह जानकर उसका बुरा हाल हो जाता है कि सभी मारे गये हैं।

एक धनी महिला रानी साहेबा (सुलोचना लाटकर) उस पर दया करती है। वह उसे काम पर रखती है, और बताती है कि उसका बेटा ठाकुर उदय सिंह लड़कीबाज़ और शराबी है। जितेन्द्र उसे शादी करने के लिए मनाता है और वह ऐसा करने के लिए सहमत हो जाता है। उसकी शादी रज्जो के साथ ही तय हुई होती है, लेकिन दोनों अपनी चुप्पी बनाए रखते हैं। शादी की रात, उदय वेश्यालय चला जाता है। वहाँ उसकी एक से हाथापाई हो जाती है। वह उसे मार देता है और भाग जाता है। बाद में पुलिस को उसका शव मिलता है और रज्जो विधवा हो जाती है।

मुख्य कलाकार

संगीत

सभी कल्याणजी-आनंदजी द्वारा संगीतबद्ध।

अधिक जानकारी क्र॰, शीर्षक ...
क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."गंगा मैया में जब तक"इंदीवरलता मंगेशकर6:50
2."अरे ओह रे"इंदीवरकिशोर कुमार4:26
3."मोहे लगी रे लगी"क़मर जलालाबादीलता मंगेशकर4:44
4."मेरे दिल से दिल को"क़मर जलालाबादीमन्ना डे4:49
5."खुश रहो"इंदीवरमुकेश5:04
6."मैं कयामत हूँ"अख्तर रूमानीआशा भोंसले, लता मंगेशकर5:05
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सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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