समुद्र तल या औसत समुद्र तल (अंग्रेज़ी:Mean sea level) समुद्र के जल के उपरी सतह की औसत ऊँचाई का मान होता है। इसकी गणना ज्वार-भाटे के कारण होने वाले समुद्री सतह के उतार चढ़ाव का लंबे समय तक प्रेक्षण करके उसका औसत निकाल कर की जाती है। इसे समुद्र तल से ऊँचाई (MSL-Metres above sea level) में व्यक्त किया जाता है।
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इसका प्रयोग धरातल पर स्थित बिंदुओं की ऊँचाई मापने के लिये सन्दर्भ तल के रूप में किया जाता है। इसका उपयोग उड्डयन में भी होता है। उड्डयन में समुद्र की सतह पर वायुमण्डलीय दाब को वायुयानों के उड़ान की उँचाई के सन्दर्भ (डैटम) के रूप में उपयोग किया जाता है।
मापन
समुद्र तल का सही मापन कई कारणों से मुश्किल माना जाता है। इसमें सबसे प्रमुख कारण है इसकी परिवर्तनशीलता। समुद्री सतह विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है जिनमें मौसमी कारक इसे अल्पकाल में और जलवायवीय कारक दीर्घ काल में परिवर्तित करते रहते हैं। अंतरिक्ष में चंद्रमा और सूर्य की स्थितियाँ एक चक्रीय रूप में ज्वार-भाटे का कारण बनती हैं। इसके अलावा प्लेट विवर्तनिकी और समस्थितिक कारणों से समुद्र तटों की ऊँचाई में भी बदलाव के कारण आभासी समुद्र तल परिवर्तन दर्ज किया जा सकता है।
ऊँचाईमापी उपग्रहों से इसके मापन में काफ़ी शुद्धता आयी है। इससे पहले इसे ज्वारमापी के प्रेक्षणों का औसत निकाल कर मापा जाता था। उदाहरण के लिये यूनाइटेड किंगडम में ज़ीरो लेवल 1915 और 1921 के बीच कॉर्नवाल के न्यूलिन समुद्र तट पर मापे गये औसत समुद्र तल को माना जाता है। इससे पहले लिवरपूल के विक्टोरिया डॉक से यह गणना की जाती थी।
1992 में नासा(NASA) और फ़्रांसीसी राष्ट्रीय अंतरिक्ष अध्ययन केन्द्र (CNES) के संयुक्त अभियान टोपेक्स/पोसाइडन के बाद उपग्रह द्वारा समुद्र तल के मापन की क्षमता और शुद्धता में वृद्धि हुई। इसके बाद दो अन्य उपग्रह जेसन-1 और जेसन-2 भी छोड़े गये।
कालिक परिवर्तन
- अल्पकालिक परिवर्तन
- ज्वार-भाटा द्वारा (चक्रीय),
- वायुदाब परिवर्तन द्वारा (अनियमित),
- पवन का वेग और लहरें (स्वेल/सर्ज़)(अनियमित)
- दीर्घकालिक परिवर्तन
क्षेत्रीय विविधता
पृथ्वी की ऊपरी परत भूपर्पटी का घनत्व सभी जगह एक समान नहीं है। यही कारण है कि अलग-अलग जगहों पर गुरुत्वाकर्षण में विविधता पायी जाती है और तदनुसार समुद्र तल में भी विविधता मिलती है।
ऊँचाई नापने हेतु सन्दर्भ
समतल सर्वेक्षण में
समतल सर्वेक्षण, जिसमें पृथ्वी की गोलाभीय आकृति को न गिनते हुए सतह को एक समतल सतह मान कर सर्वेक्षण किया जाता है, सामान्यतः किसी एक बिंदु का समुद्र तल से ऊँचाई को आधार बना कर बाकी बिंदुओं की ऊँचाइयाँ उसकी तुलना में निकाली जाती हैं। इसे सामान्यतः तलमापन (leveling) से मापा जाता है।
जियोडेटिक सर्वेक्षण में
जियोडेटिक सर्वेक्षण में पृथ्वी की लगभग गोलाभीय आकृति को गणना में रखते हुए किसी क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जाता है। वस्तुतः पृथ्वी की इस प्रिथिव्याकार आकृति को समुद्र तल द्वारा ही परिभाषित किया जाता है और इसकी गणना जियोडेटिक सर्वेक्षण का प्रमुख विषय है। वर्तमान समय में वैश्विक रूप से इस्तेमाल होने वाला सन्दर्भ तल WGS-84 है जिस कि गणना वर्ल्ड जियोडेटिक सर्वे ने 1984 में की थी।
विमानन एवं रेडियो में
विमानन में वायुयानों की ऊँचाई को भी समुद्र तल से मापा जाता है। अल्टीमीटर एक ऐसा यंत्र होता है जो ऊँचाई बढ़ने के साथ साथ वायुदाब में होने वाले ह्रास को माप कर विमान की समुद्र तल से ऊँचाई बताता है।
रेडियों टावर और एंटीना की ऊँचाई यह तय करती है कि उसके प्रसारण को कितने क्षेत्र में प्राप्त किया जा सकता है। इसे भी समुद्र तल से ऊर्ध्वाधर दूरी अर्थात ऊँचाई में (AMSL-एवरेज मीटर अबव सी लेवल) में व्यक्त किया जाता है।
समुद्र तल परिवर्तन
अल्पकालिक और चक्रीय परिवार्तन
अल्पावधिक परिवर्तन कई कारणों से होते हैं और कुछ मिनटों से लेकर 14 महीने तक की अवाधि के हो सकते हैं:
चक्रीय समुद्र तल परिवर्तन | ||
---|---|---|
दैनिक/अर्द्धदैनिक ज्वार-भाटा | 12–24 h P | 0.2–10+ m |
दीर्घकालिक ज्वार | ||
घूर्णन जन्य परिवर्तन (चैंडलर वबल) | 14 महीने P | |
मौसमी और समुद्रवैज्ञानिक उतार-चढ़ाव | ||
वायुदाब | घंटों से लेकर महीनों में | −0.7 to 1.3 m |
पवाने (स्टॉर्म सर्ज़) | 1–5 दिन | Up to 5 m |
वाष्पीकरण और वर्षण (दीर्घकालिक भी हो सकता है) | दिनों से हफ्तों | |
समुद्री सतह स्थलाकृति (changes in water density and currents) | दिनों से हफ्तों | Up to 1 m |
एल निनो/दक्षिणी परिवर्तन | 6 mo every 5–10 yr | Up to 0.6 m |
ऋतुकालिक उतार-चढ़ाव | ||
ऋत्विक जल का वितरण (Atlantic, Pacific, Indian) | ||
जलीय सतह के ढाल में रितुकालिक बदलाव | ||
नदी जलवाह/बाढ़ इत्यादि | 2 months | 1 m |
रितुकालिक समुद्री जल घनत्व परिवर्तन (temperature and salinity) | 6 months | 0.2 m |
Seiches | ||
शी'श (स्थिर तरंगे) | Minutes to hours | Up to 2 m |
Earthquakes | ||
सुनामी (generate catastrophic long-period waves) | Hours | Up to 10 m |
थल की ऊँचाई के स्तर में अचानक परिवर्तन | Minutes | Up to 10 m |
प्राचीन परिवर्तन
वर्तमान कालीन परिवर्तन
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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