विश्वनाथ दास

उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश

विश्वनाथ दास अथवा बिश्वनाथ दास (1889 – 1984) भारतीय राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी थे। वो ब्रिटिश कालीन भारत के ओडिशा प्रान्त के 1937 से 1939 तक प्रीमियर (प्रधानमंत्री) रहे। बाद में वह भारत की संविधान सभा के सदस्य चुने गए और उड़ीसा का सातवें मुख्यमंत्री के रूप में नेतृत्व किया।

जीवन परिचय

विश्वनाथ दास का जन्म 8 मार्च 1889 को ओडिशा में गजपति (गंजम) जिले के बेलगाँ गांव में हुआ था। उन्होंने रेवेंशा कॉलेज, कटक से स्नातक किया।

राजनैतिक कैरियर

बिस्वनाथ दास ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया। वह 1921 से 1930 तक मद्रास प्रांत की विधान परिषद के सदस्य थे। उन्होंने कृष्णचंद्र गजपति नारायण देव और अन्य साथियों के साथ मिलकर उड़िया भाषी लोगों के लिए एक अलग राज्य के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1 अप्रैल 1936 को ओडिशा के अलग होने के बाद वे 19 जुलाई 1937 को इसके प्रीमियर (प्रधान मंत्री) बने। वे 1946 में उड़ीसा से प्रतिनिधित्व करने वाली भारत की संविधान सभा के सदस्य बने। उन्होंने 16 अप्रैल 1962 से 30 अप्रैल 1967 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।

1966 में, उन्हें सर्व समाज (लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित लोक सेवक मंडल) का सेवक बनाया गया। 1971 में ओडिशा विधानसभा चुनाव के बाद, उत्कल कांग्रेस, स्वातंत्र पार्टी और झारखंड पार्टी ने एक संयुक्त मोर्चा बनाया और वह ओडिशा में संयुक्त मोर्चा सरकार के मुख्यमंत्री बने। वह 3 अप्रैल 1971 से 14 जून 1972 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे। 2 जून 1984 को ओडिशा के प्रखर नेता विश्वनाथ दास जी की मृत्यु हो गई।

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सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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