आयनी आबंध (Ionic bonding) एक प्रकार का रासायनिक आबंध है जिसमें दो विपरीत आवेशित आयन बनते हैं और वे स्थितवैद्युत बल द्वारा एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसे विद्युत संयोजी आबंध (electrovalent bond) भी कहते हैं। यह एक शक्तिमान स्वभाव का रासायनिक बंध होता है।

उदाहरण
NaCl अणु का बनना
सोडियम और फ्लोरीन मिलकर सोडियम फ्लोराइड बनाते हैं। सोडियम अपनी सबसे बाहरी कक्षा का इलेक्ट्रॉन निकालकर एक स्थायी इलेक्त्रॉन संरचना को प्राप्त होता है, यही इलेक्ट्रॉन फ्लोरीन परमाणु ले लेता है और ऋणावेशित हो जाता है। इस प्रकार बने विपरीत आवेशित आयन एक-दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं और एक ठोस का निर्माण करते हैं।

NaCl का (परमाणु क्र. 11) , इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,1 है। अतः वह 1 इलेेेेक्ट्रॉन त्याग कर

Na----e`--->Na+
2,8,1 2,8

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

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