शब्दों में लेजरको मोटे तौर पर एकवर्णी प्रकाशपुंज (मोनोक्रोमेटिक प्रकाश) माना जा सकता है। यह अर्थ सभी लेजरों के लिए सही नहीं है, हालांकि कुछ लेजर व्यापक
सूत्र रूप से वर्णित थी। इसे और विकसित कर व्यावहारिक स्वरूप में स्थापित करने का श्रेय बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय को है। क्षारसूत्र चिकित्सा और लेजर सर्जरी
उन्हें भारत में कास्मेटिक एवं प्लास्टिक सर्जरी की अनेक तकनीकों, खास तौर पर लेजर आधारित कास्मेटिक तकनीकों एवं विधियों की शुरूआत करने का श्रेय जाता है। वह
LASIK या Lasik (लेजर - सहायता स्वस्थानी keratomileusis) का एक प्रकार है अपवर्तक सर्जरी को सही करने के लिए myopia, hyperopia और दृष्टिवैषम्य. LASIK नेत्र