वह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं जब चौधरी चरण सिंह ने १९६७ में गैर कांग्रेस दलों को एकीकृत करके सरकार बनायीं थी। वे १९७७ जनता पार्टी की सरकार में उद्योग मंत्री रहे चुके हैं।
श्री राम प्रकाश
पूर्व मुख्यमंत्री , उत्तर प्रदेश
जन्म
ग्राम सुकआ ढुकआ, जिला झांसी, 01 नवम्बर, 1924।
शिक्षा
एम0एससी0, इलाहाबाद विश्वविद्यालय।
कार्यक्षेत्र
राजनीति, समाजसेवा।
राजनीति
वर्ष 1956 भारतीय जनसंघ के संगठन मंत्री नियुक्त किये गये और उन्हें उत्तर प्रदेश के मध्य भाग के दस जिलों का कार्यभार सौंपा गया, जिसमें लखनऊ भी था।
वर्ष 1973-74 में भारतीय जनसंघ के प्रदेश अध्यक्ष।
वर्ष 1960 में एक विशिष्ट सदस्य के रूप में निर्वाचित होकर वे लखनऊ नगर महापालिका में जनसंघ दल के नेता के रूप में नियुक्त हुए।
वर्ष 1964 में नगर महापालिका के उपनगर प्रमुख पद पर निर्वाचित हुये। उन्होंने अपनी प्रतिभा, दृढ़ इच्छाशिक्त और प्रशासनिक क्षमता के बल पर लखनऊ नगर के विकास के लिये अनेक उल्लेखनीय कार्य किये।
वर्ष 1964 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य चुने गये और 1970 तक वे विधान परिषद के सदस्य रहे।
श्री चरण सिंह की संयुक्त विधायक दल सरकार में उन्हें अप्रैल, 1967 को शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, हरिजन तथा समाज कल्याण, सांस्कृतिक कार्य एवं अनुसंधान 10 दिसम्बर, 1967 से परिवहन तथा पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व सौंपा गया।
13 अप्रैल, 1967 से 25 फरवरी, 1968 तक वे उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पद पर रहे। उन्होंने अपने इस कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में, राज्य की शिक्षा व्यवस्था में रचनात्मक सुधार हेतु अनेक निर्णय लिये एवं शिक्षकों को बैंक से वेतन भुगतान करने का निर्णय लिया। आपातकाल के बाद जून, 1977 के सामान्य निर्वाचन में जनता पार्टी के टिकट से पहली बार लखनऊ मध्य क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुये। श्री राम नरेश यादव के मंत्रिमण्डल में 23 जून, 1977 से 11 फरवरी, 1979 तक भारी उद्योग, लघु उद्योग, हैण्डलूम तथा हैन्डीक्राफ्ट विभाग तथा 15 सितम्बर, 1977 से 11 फरवरी, 1979 तक ग्रामीण उद्योग विभागों में अपना योगदान दिया। वर्ष 1993 में लखनऊ मध्य के अपने पुराने क्षेत्र से दूसरी बार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुये। 11 मार्च, 1998 को उत्तर प्रदेश के योजना आयोग के उपाध्यक्ष कैबिनेट स्तर पद का महत्वपूर्ण दायित्व मिला।
दिनांक 12 नवम्बर, 1999 से 28 अक्टूबर, 2000 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
दिनांक 7 मई, 2003 से 01 मई, 2004 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल थे।
साहित्यिक
साहित्य के प्रति गहरी अभिरूचि है तथा समाज कल्याण और शैक्षिक उत्थान के कायो में विशेष रूचि रखते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन और तत्संबंधी चर्चाओं में भी बेहद दिलचस्पी रखते हैं।