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मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, भोपाल की स्थापना १९६० में की गई थी और २६ जून २००२ को इसे राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा दिया गया। वर्ष 1960 में भोपाल के मौलाना आज़ाद कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी (MACT) या क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज (REC) के रूप में स्थापित हुआ। यह 2002 में एक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान बना और 2007 में NIT अधिनियम के तहत राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त हुई। यह संस्थान पूरी तरह से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है एवम् भारत सरकार एनआईटी परिषद द्वारा शासित है। मौलाना आजाद राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान, भोपाल मध्यप्रदेश का सबसे प्रतिष्ठत तकनीकी संस्थान हैं, साथ ही साथ मध्य भारत क्षेत्र मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और विदर्भ क्षेत्रों का भी सबसे बेहतर और उच्च गुणवत्ता का संस्थान है।
पूर्व नाम | मौलाना आजाद प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, क्षेत्रीय इंजीनियरी महाविद्यालय (आर ई सी) |
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ध्येय | विद्या परम् भूषणम् (अर्थ : ज्ञान सर्वश्रेष्ठ आभूषण है।) |
प्रकार | सार्वजनिक |
स्थापित | 1960 |
अनुदान | भारत सरकार का मानव संसाधन विकास मंत्रालय |
निदेशक | नरेन्द्र सिंह रघुवंशी |
शैक्षिक कर्मचारी | 450 से अधिक |
छात्र | 5,000 से अधिक |
स्थान | भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत |
परिसर | नगरीय, भोपाल के दक्षिणपूर्व में 650 एकड़ (2.6 कि॰मी2) में फैला हुआ |
भाषा | हिन्दी, अंग्रेजी |
Acronym | MANIT, MACT, NIT-B |
संबद्धताएं | राष्ट्रीय महत्व का संस्थान |
जालस्थल | www.manit.ac.in |
यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, वास्तुकला और प्रबंधन में स्नातक, मास्टर और डॉक्टरेट डिग्री प्रदान करता है। इस संस्थान में 8 विभाग हैं। यह संस्थान सिविल इंजीनियरी, अभियांत्रिकी इंजीनियरी, विद्युत इंजीनियरी, इलैक्टोनिकी तथा संचार इंजीनियरी, कम्प्यूटर विज्ञान तथा इंजीनियरी, सूचना प्रौद्योगिकी में चार वर्षीय बी.टेक कार्यक्रम और एक पांच वर्षीय बी.आर्क. पाठयक्रम का संचालन करता है। अवर स्नातक पाठयक्रमों में कुल दाखिला क्षमता ४५० है। यह संस्थान २४ विभिन्न विशेषज्ञताओं में नियमित तथा अंशकालिक पद्धति से एम.टेक पाठयक्रमों के साथ-साथ एमसीए तथा एमबीए पाठयक्रम भी संचालित करता है।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (मुख्य) के माध्यम से स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश राष्ट्रीय स्तर की इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। चयन बहुत कठिन है क्योंकि केवल शीर्ष 5% आवेदक ही प्रवेश सुरक्षित कर पाते हैं। जेईई मेन से पहले, MANIT में प्रवेश 2013 तक अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (AIEEE) के माध्यम से होता था।
प्रवासी भारतीयों और विदेशी नागरिकों के लिए, प्रवेश डीएएसए (छात्रों के लिए प्रत्यक्ष प्रवेश) के माध्यम से आयोजित किया जाता है, जहां भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में एसएटी विषय परीक्षा के एक योग्य स्कोर की आवश्यकता होती है। डीएएसए के अलावा, प्रवेश के लिए अन्य छात्रवृत्ति कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं। विभिन्न देशों जैसे अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, कुवैत, सऊदी अरब, कतर, ओमान, यूएई आदि से कई छात्र हर साल संस्थान में प्रवेश लेते हैं।
स्नातकोत्तर कार्यक्रम एम.टेक कार्यक्रम के लिए इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट के माध्यम से और एमसीए कार्यक्रम के लिए एनआईटी एमसीए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से छात्रों का चयन करते हैं। एमबीए प्रोग्राम में प्रवेश कॉमन एडमिशन टेस्ट के माध्यम से होता है।
इस महाविद्यालय में निम्नलिखित विभाग हैं:[1]
इस संस्थान में नौ बालक छात्रावास और एक बालिका छात्रावास है।[2]
यह छात्रावास संस्थान के बी.टेक/बी.आर्क के सम्पूर्ण वर्ष के छात्राओं के लिए हैं। इसे छात्रावास क्रमांक ७ के नाम से भी जाना जाता है।
इस छात्रावास को छात्रवास क्रमांक १० भी कहते हैं। इसका आरम्भ २०१६ में किया गया था। इस छात्रवास में कुल ४ खण्ड क (A), ख (B) , ग (C) तथा घ (D) हैं। इस नवनिर्मित विशाल छात्रवास के दो खण्डों सी तथा डी में इस समय संस्थान के बी टेक प्रथम वर्ष के लगभग ८०० छात्र रहते हैं। साथ ही अप्रवासी भारतीय (N.R.I) छात्रों के लिए खण्ड-डी के भूतल के कक्ष क्रमांक १०००१ से १०००८ में विशेष दर्जे के साथ जगह दी गई है।
इस छात्रवास के वर्तमान वार्डेन डॉ पुष्पेन्द्र यादव हैं जो कि इसी संस्थान में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। छात्रावास में खेल कूद के लिए वॉलीबॉल कोर्ट एवं टेनिस कोर्ट बना हुआ है।
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