1968 की अमर कुमार की फ़िल्म विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
मेरे हमदम मेरे दोस्त 1968 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह अमर कुमार द्वारा निर्देशित है। फिल्म में धर्मेन्द्र, शर्मिला टैगोर, ओम प्रकाश, रहमान और मुमताज़ हैं। इस फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया और गीत के बोल मजरुह सुल्तानपुरी ने लिखें।
मेरे हमदम मेरे दोस्त | |
---|---|
![]() मेरे हमदम मेरे दोस्त का पोस्टर | |
निर्देशक | अमर कुमार |
लेखक | राजिन्दर सिंह बेदी (संवाद) |
निर्माता | केवल कुमार |
अभिनेता |
धर्मेन्द्र, शर्मिला टैगोर, रहमान, ओम प्रकाश, मुमताज़ |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथि |
1968 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सुनील (धर्मेन्द्र) अपनी मां और बहन के साथ दिल्ली में रहता है। वह चोपड़ा एंड कंपनी में चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप काम करता है। वह एक खूबसूरत महिला को एक पेंटिंग के लिए पोज़ देते हुए देखता है और सोचता है कि वह गरीब और जरूरतमंद है। महिला का नाम अनीता (शर्मिला टैगोर) है और दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं।
सुनील और अनीता शादी करने का इरादा रखते हैं और सुनील अनीता को अपनी माँ से भी मिलवाता है। एक दिन एक पार्टी में सुनील यह जानकर चौंक जाता है कि अनीता एक करोड़पति है। इस धोखे से स्तब्ध होकर वह कसम खाता है कि उसका उससे कोई लेना-देना नहीं रहेगा। जब अनीता चीजों को शांत करने की कोशिश करती है तो सुनील मान जाता है। तब यह पता चलता है कि अनीता के पिता, जो जेल में हैं ने सुनील के पिता को मार डाला था।
सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "हमें तो हो गया है प्यार" | लता मंगेशकर | 3:59 |
2. | "ना जा कहीं अब ना जा" | मोहम्मद रफ़ी | 6:25 |
3. | "हमने तो किया है प्यार" | लता मंगेशकर | 5:03 |
4. | "छलकाये ये जाम आइये" | मोहम्मद रफ़ी | 4:45 |
5. | "हुई शाम उनका ख्याल आ गया" | मोहम्मद रफ़ी | 4:35 |
6. | "चलो सजना जहाँ तक" | लता मंगेशकर | 4:56 |
7. | "अल्लाह ये अदा कैसी" | लता मंगेशकर | 6:55 |
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.