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भारतीय मूल के ब्रिटिश पत्रकार विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
सर विलियम "मार्क" टली, केबीई (जन्म 1935, कलकत्ता, भारत[1]), बीबीसी के नई दिल्ली स्थित ब्यूरो के पूर्व अध्यक्ष हैं। जुलाई 1994 में इस्तीफे से पूर्व उन्होंने 30 वर्ष की अवधि तक बीबीसी के लिए कार्य किया।[2] उन्होंने 20 वर्ष तक बीबीसी के दिल्ली स्थित ब्यूरो के अध्यक्ष पद को संभाला.[3] 1994 के बाद से वे नई दिल्ली से एक स्वतंत्र (फ्रीलैंस) पत्रकार और प्रसारक के रूप में कार्य कर रहे हैं।[4][5] वर्तमान में वे बीबीसी रेडियो 4 के साप्ताहिक कार्यक्रम समथिंग अंडरस्टुड के नियमित प्रस्तुतकर्ता हैं।[6]
उनका जन्म कलकत्ता में 1936 में हुआ और वे एक अमीर इंग्लिश एकाउन्टेंट के पुत्र हैं। अपने बचपन के शुरुआती दस साल उन्होंने भारत में ही बिताए लेकिन उन्हें भारतीय लोगों[7][8] के साथ मिलने-जुलने की आजादी नहीं थी, उसके बाद वे अपनी स्कूली शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए। उनका शिक्षण ट्वाईफोर्ड स्कूल, मार्लबोरो कॉलेज तथा ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज में हुआ जहां उन्होंने धर्मशास्त्र का अध्ययन किया।[7] कैम्ब्रिज के बाद उन्होंने इंग्लैंड के चर्च में एक पादरी बनने के बारे में सोचा लेकिन लिंकन थियोलॉजिकल कॉलेज में केवल दो सत्रों के बाद इस विचार को त्याग दिया; बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि "एक ईसाई पादरी के रूप में व्यवहार करने के लिए (अपनी) कामुकता पर नियंत्रण" के बारे में उन्हें संदेह था।[1]
मार्क टली बीबीसी में 1964 में शामिल हुए और एक भारतीय संवाददाता के रूप में कार्य करने के लिए 1965 में भारत आ गए।[1][4][9] अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दक्षिण एशिया की सभी प्रमुख घटनाओं को कवर किया जिनमें शामिल हैं, भारत-पाकिस्तान संघर्ष, भोपाल गैस त्रासदी, ऑपरेशन ब्लू स्टार (और उसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या तथा सिख विरोधी दंगे), राजीव गाँधी की हत्या एवं बाबरी मस्जिद विध्वंस.[5][10][11]
टली ने जुलाई 1994 में तत्कालीन महा निदेशक जॉन बिर्ट के साथ बहस के बाद बीबीसी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बिर्ट पर "कॉरपोरेशन को भय द्वारा चलाने" और "बीबीसी को घटिया रेटिंग तथा हतोत्साहित कर्मचारियों वाली एक अपारदर्शी संस्था" में तब्दील करने का आरोप लगाया.[2]
टली को 1985 में 'ऑफिसर ऑफ दी ऑर्डर ऑफ दी ब्रिटिश एम्पायर' बनाया गया और 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।[7] वर्ष 2002[12] में उन्हें नाईट की उपाधि से सम्मानित किया गया और 2005 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान प्रदान किया गया।[13]
टली ने भारत पर आधारित कई पुस्तकें लिखीं जिनमें शामिल हैं - इंडिया इन स्लो मोशन (सह-लेखक गिलियन राईट), नो फुल स्टॉप्स इन इंडिया, दी हार्ट ऑफ इंडिया, डिवाइड एंड क्विट, लास्ट चिल्ड्रेन ऑफ दी राज, फ्रॉम राज टू राजीव-40 ईयर्स ऑफ इंडियन इंडिपेंडेंस, इंडिया - 50 इयर्स ऑफ इंडिपेंडेंस, इंडियाज़ अनेंडिंग जर्नी तथा अमृतसर: मिसेस गाँधीज लास्ट बैटल . धर्म के क्षेत्र में सर मार्क ने बीबीसी श्रृंखला के लिए दी लाइव्स ऑफ जीसस लिखी और फोर फेसेज: ए जर्नी इन सर्च ऑफ जीसस दी डिवाइन, दी ज्यू, दी रिबेल, दी सेज नामक एक अन्य पुस्तक भी लिखी.
किसी गुमनाम शख्स द्वारा लिखित हिंदुत्व सेक्स एंड एडवेंचर उपन्यास के मुख्य चरित्र और टली में काफी समानताएं हैं। टली ने स्वयं कहा है कि "मैं चकित हूँ कि रोली बुक्स ने इस प्रकार की घटिया साहित्यिक चोरी को प्रकाशित किया और लेखक को एक छद्म नाम के पीछे छुपने दिया. यह पुस्तक स्पष्ट रूप से मेरे करियर पर आधारित है, यहां तक कि इसके मुख्य चरित्र का नाम भी मुझसे मिलता है। उस चरित्र की पत्रकारिता अत्यंत घटिया है और हिंदुत्व तथा हिंदू धर्म पर उसके विचार किसी भी तरह से मेरे विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। मैं पूरी तरह से उनके साथ असहमत हूँ".[14]
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