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मऊरानीपुर
उत्तर प्रदेश का एक कस्बा विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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मऊरानीपुर (Mauranipur) ((प्रस्तावित जिला)) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के झाँसी ज़िले का एक छोटा सा कस्बा है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। यह वस्त्र उत्पादन का एक केंद्र है, जिसे प्राचीन समय में मधुपुरी के नाम से जाना जाता था। मऊरानीपुर भारत
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इतिहास
यह भी कहा जाता है कि हजारों साल पहले मऊरानीपुर में राजा भोज का राज्य था। 12वीं शताब्दी के दौरान मऊरानीपुर चंदेला शासक मदनवर्मन (1129-1163) के अधीन था।[3] मऊरानीपुर के विकास का श्रेय बुंदेला राजाओं को जाता है।[4] रानी लक्ष्मी बाई के शासन में शामिल परगना में मऊरानीपुर एक था। 10 अगस्त 1857 को टिहरी की रानी (ओरछा की रानी लडई सरकार जू देव बुंदेला) ने मऊरानीपुर पर कब्जा कर लिया। शुरुआत में लक्ष्मी बाई को उलटफेर का सामना करना पड़ा, लेकिन 23 अक्टूबर को हुए युद्ध में टिहरी की सेना के साथ वह विजयी हुईं।[5] 1857 में रानी लक्ष्मी बाई ने ब्रिटिश के खिलाफ विद्रोह के दौरान मऊरानीपुर में अंग्रेजों को पराजित किया था और 1857 के विद्रोह के सबसे शक्तिशाली विद्रोही नेता बन गई। बुंदेलखंड में बानपुर और शाहगढ़ के शासक उसके सहयोगी बन जाने पर उनकी सेना को और मजबूती मिली। सर ह्यू रोज के न्रेतत्व में ब्रिटिश सेना द्वारा किए गए हमलों के खिलाफ बहादुरी से लड़ी।[6]
गोविंद बल्लभ पंत ने 30 दिसंबर 1951 को मऊरानीपुर में ज़मींदारी उन्मूलन अधिनियम और कृषि के लिए पंचवर्षीय योजना की स्थापना के बारे में भाषण दिया।[7]
मऊरानीपुर शहर लंबे समय से खुरूद नामक एक लाल कपड़े के निर्माण के लिए जाना जाता है, जिसे इसी नाम के पेड़ की जड़ से रंगा जाता है। एक बार फिटकरी द्वारा शोधन करने पर यह रंग स्थायी हो जाता है।
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भूगोल
मऊरानीपुर {25°14′23″N 79°11′47″E} पर स्थित है। इसकी समुद्र तल से औसत ऊंचाई 192 मीटर (630 फीट) है। सुखनई, धसान नदी की एक सहायक नदी, जो स्वयं वेत्रवती की एक सहायक नदी है, शहर के चारों ओर पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है।[8] मऊरानीपुर झाँसी शहर से 65 किमी दूर है। यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 252 किमी दूर है। भूमि क्षेत्र के हिसाब से यह भारत की सबसे बड़ी तहसील है।
जनसांख्यिकी
2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, मऊरानीपुर की जनसंख्या 61,449 थी। पुरुषों की आबादी 53 प्रतिशत और महिलाओं की 47 प्रतिशत है। मऊरानीपुर की औसत साक्षरता दर 76% है, जो राष्ट्रीय औसत 75% से अधिक है: पुरुष साक्षरता 79 प्रतिशत है, और महिला साक्षरता 59 प्रतिशत है। मौरानीपुर में, 25 प्रतिशत आबादी 6 वर्ष से कम आयु की है। मौरिपुर में 147 बसे हुए गाँव हैं, जिनमें से 108 गाँव की आबादी 1,000 और 10,000 के बीच है और 39 गाँव में 1,000 से कम निवासी हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, मऊरानीपुर की ग्रामीण आबादी लगभग 301,100 (158,300 पुरुष और 142,800 महिलाएं) हैं।[9] बहुमत आबादी हिंदूओं की है इसके अलावा; लगभग 18,000 मुस्लिम, 1,400 जैन, 300 ईसाई, 70 बौद्ध और 50 सिख भी हैं।[10]
परिवहन
- रेल - मऊरानीपुर भारतीय रेलवे संजाल के माध्यम से तीनों महानगरों, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई से जुड़ा हुआ है। मऊरानीपुर दिल्ली से रेलमार्ग के माध्यम से 466 किमी और सड़क के माध्यम से 485 किमी दूर है। झांसी से मऊरानीपुर और मऊरानीपुर से बांदा रेलवे मार्ग 1889 में बनी थीं।
- सड़क - मऊरानीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 39 के माध्यम से भारत के अन्य हिस्सों से जुड़ा हुआ है। यह झांसी से 65 किलोमीटर की दूरी खजुराहो के रास्ते में और लखनऊ से 297 किमी दूर है।
- विमान - निकटतम हवाई अड्डे झाँसी एयरपोर्ट (सेना विमानन), खजुराहो (मध्यम प्रकार) और ग्वालियर (मध्यम प्रकार) में हैं।
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इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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