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पद्मा सचदेव
भारतीय कवयित्री और उपन्यासकार विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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पद्मा सचदेव (17 अप्रैल 1940 – 4 अगस्त 2021) एक भारतीय कवयित्री और उपन्यासकार थीं। वे डोगरी भाषा की पहली आधुनिक कवयित्री रही हैं।[1]वे हिन्दी में भी लिखती थीं। उनके कतिपय कविता संग्रह प्रकाशित हुये, किन्तु "मेरी कविता मेरे गीत" के लिए उन्हें 1971 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ।[2]उन्हें वर्ष 2001 में पद्म श्री और वर्ष 2007-08 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कबीर सम्मान प्रदान किया गया।[3][4]
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प्रारंभिक जीवन
पद्मा का जन्म 17 अप्रैल 1940 को पुरमण्डल (जम्मू),जम्मू और कश्मीर, भारत में हुआ था। उनके पिता प्रो॰ जयदेव शर्मा हिन्दी व संस्कृत के प्रकांड पंडित थे, जो 1947 में भारत के [विभाजन] के दौरान मारे गए थे। वे अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। उनकी शादी 1966 में 'सिंह बंधू' नाम से प्रचलित सांगीतिक जोड़ी के गायक 'सुरिंदर सिंह' से हुई।[5] वर्तमान में वे नई दिल्ली में रहती हैं।[2]
अनके जीवन मे किया हूऐ काम
पद्मा ने प्रारंभिक दिनों में जम्मू और कश्मीर रेडियो में स्टाफ कलाकार के पद पर एवं बाद में दिल्ली रेडियो में डोगरी समाचार वाचिका के पद पर कार्य किया।[2] पहले उन्होने कवयित्री के रूप में ख्याति प्राप्त की, फिर लोकगीतों से प्रभावित होकर 'मेरी कविता मेरे गीत' लिखे इस काव्य संग्रह पर इनको १९७१ का 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' मिला। बाद में उन्होने हिन्दी और डोगरी गद्य पर भी वैसा ही अधिकार दिखाया जो डोगरी कविता पर। अपने तीन और कविता संग्रहों के पश्चात जम्मू कश्मीर की कला संस्कृति और भाषा अकादमी से उन्हें "रोब ऑफ आनर" मिला। वे उ.प्र. हिन्दी सहित्य अकादमी पुरस्कार, राजाराम मोहन राय पुरस्कार से भी सम्मानित हुई। डोगरी कहानी के क्षेत्र में उनके आगमन से एक नई मानसिकता व नई संवेदन शक्ति का संचार हुआ।[1][2]
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अनके कीऐ प्रकाशित कार्य
सारांश
परिप्रेक्ष्य
- नौशीन. किताबघर, 1995.
- मैं कहती हूँ आखिन देखि (यात्रा वृत्तांत). भारतीय ज्ञानपीठ, 1995.
- भाई को नही धनंजय. भारतीय ज्ञानपीठ, 1999. ISBN 8126301309.
- अमराई. राजकमल प्रकाशन, 2000. ISBN 8171787649.
- जम्मू जो कभी सहारा था (उपन्यास). भारतीय ज्ञानपीठ, 2003. ISBN 8126308869.
- फिर क्या हुआ?, जानेसवेरा और पार्थ सेनगुप्ता के साथ. नेशनल बुक ट्रस्ट, 2007. ISBN 812375042.
- इसके अलावा तवी ते चन्हान, नेहरियाँ गलियाँ, पोता पोता निम्बल, उत्तरबैहनी, तैथियाँ, गोद भरी तथा हिन्दी में एक विशिष्ठ उपन्यास 'अब न बनेगी देहरी' आदि।[6]
अँग्रेजी में अनुवाद
- Where Has My Gulla Gone (Anthology). प्रभात प्रकाशन, 2009. ISBN 8188322415.
- A Drop in the Ocean: An Autobiography. अनुवाद: उमा वासुदेव और ज्योत्सना सिंह, नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत, 2011. ISBN 8123761775.
अतिरिक्त अध्ययन
- के॰ एम॰ जॉर्ज; साहित्य अकादमी (1992). Modern Indian Literature, an Anthology: Plays and prose (अनुवाद: आधुनिक भारतीय साहित्य, एक संकलन: नाटक और गद्य). साहित्य अकादमी. ISBN 8172013248.
- शिव नाथ (1997). 2 Decades of Dogri Literature (अनुवाद: डोगरी साहित्य का दशक). साहित्य अकादमी. p. 19. ISBN 8126003936.
- दिव्या माथुर (2003). "पद्मा सचदेव: परिचय". Aashaa: Short Stories by Indian Women Writers: Translated from Hindi and Other Indian Languages (अनुवाद: आशा: भारतीय महिला लेखिकाओं द्वारा लघु कहानियां: हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं से अनूदित). स्टार पब्लिकेशन्स. ISBN 8176500075.
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सम्मान/पुरस्कार
- पद्म श्री पुरस्कार (2001)
- साहित्य अकादमी पुरस्कार (1971)
- कविता के लिए कबीर सम्मान (2007-08)
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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