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नरेंद्र मोदी का पहला शपथ ग्रहण समारोह (26 मई 2014) विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
भारतीय जनता पार्टी के संसदीय अध्यक्ष नरेन्द्र मोदी का २६ मई २०१४ से भारत के १५वें प्रधानंत्री का कार्यकाल आरम्भ हुआ।[1][2] मोदी के साथ ४५ अन्य मंत्रियों ने भी समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की।[3] मोदी सहित कुल ४६ में से ३६ मंत्रियों ने हिन्दी में शपथ ली जबकि अन्य १० ने अंग्रेज़ी में शपथ
शपथ ग्रहण के दौरान भारत के १५वें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। | |
तिथि | २६ मई २०१४ |
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समय | सायं ०६:०० बजे (भारतीय मानक समय) |
स्थान | राष्ट्रपति भवन |
निर्देशांक | 28.6143°N 77.199°E |
१६ मई २०१४ को आम चुनावों के परिणाम घोषित होने के बाद २० मई को मोदी भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले। मुखर्जी ने मोदी को अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। भाजपा ने इस चुनाव में २८२ सीटें जीती हैं जबकि उनके गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने कुल ३३६ लोक सभा सीटों पर जीत दर्ज की।[4] यह १९८४ के चुनाव के बाद अब तक का सबसे अधिक बहुमत है जो किसी एक पार्टी अथवा दल को मिला हो। १९८४ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विजयी रही थी।[5] तब मोदी ने २६ मई २०१४ को शाम ०६:०० बजे शपथ ग्रहण करने की घोषणा की।[1]
शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन प्रांगण में हुआ। इससे पहले केवल पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर (१९९०, समाजवादी जनता पार्टी) और अटल बिहारी वाजपेयी (१९९६ और १९९८, भाजपा) ने शपथ ग्रहण की।[6] दरबार हॉल एक अन्य सम्भावित स्थान था लेकिन इसकी दर्शक क्षमता ५०० तक सीमित होने के कारण अस्वीकृत कर दिया गया। भाजपा ने संकेत दिया कि समारोह खुले मैदान पर की जा सकती है। इससे पहले नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ भी खुले मैदान में ले चुके हैं।[7]
अतिथि सूची में विभिन्न राज्यों और राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्ष सहित सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है। अतः इस घटना को वृहत "प्रमुख राजनयिक घटना" के रूप में भी देखा जा रहा है।[8][9]
सार्क देशों के प्रमुखों ने समारोह में भाग लिया।[10]
श्रीलंका और पाकिस्तान ने भारतीय मछुवारों को रिहा किया। मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित देशों के इस कदम का स्वागत किया।[31]
इस समारोह में भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था। इनमें से कर्नाटक के मुख्यमंत्री, सिद्धारमैया (कांग्रेस) और केरल के मुख्यमंत्री, उम्मन चांडी (कांग्रेस) ने भाग लेने से मना कर दिया।[32] भाजपा और कांग्रेस के बाद सबसे अधिक सीटों पर विजय प्राप्त करने वाली तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने समारोह में भाग न लेने का निर्णय लिया जबकि पश्चिम बंगाल के मुख्यमन्त्री ममता बनर्जी ने अपनी जगह मुकुल रॉय और अमित मित्रा को भेजने का निर्णय लिया।[33][34]
मध्य प्रदेश के मुख्यमन्त्री, शिवराज सिंह चौहान (जो भाजपा के हैं) ने अपने पूर्ण मंत्रिमण्डल के साथ वायु-यान किराये पर लिया जिससे समारोह में उपस्थित होकर उसी रात्रि वापसी कर सकें।[35]
अन्य आमंत्रित हस्तियों में अनुपम खेर, मधुर भंडारकर, विवेक ओबेरॉय, रजनीकान्त और अमिताभ बच्चन शामिल हैं।[36][37]
वड़ोदरा के एक चाय विक्रेता किरण महिदा जिन्होंने मोदी की उम्मीदवारी प्रस्तावित की थी को भी समारोह में आमंत्रित किया गया। इनके अलावा मोदी की माँ हीराबेन और अन्य तीन भाई भी समारोह में उपस्थित रहेंगे।[38]
इसके अतिरिक्त उद्योगजगत के लोग सपरिवार मुकेश अंबानी उनके भाई अनिल अंबानी, कुमार मंगलम बिड़ला और गौतम अदाणी भी समारोह में उपस्थित रहे।[39]
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