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त्रिपुरा का जिला विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
धलाई भारतीय राज्य त्रिपुरा का एक जिला है। जिले का मुख्यालय आमबासा है। यह जिला प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। धलाई का अधिकतर क्षेत्रफल पर्वतों और जंगलों से घिरा हुआ है। मनु, धलाई और कोवाई यहां की प्रमुख नदियां है। धलाई स्थित दो प्रमुख ऊंचे पर्वत पूर्व में लांगथिराई और पश्चिम में अथारमुरा है। लांगथिराई मंदिर और कमलेश्वरी मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षक केन्द्रों में से हैं। काफी संख्या में प्रकृति-प्रेमी यहां आना पसंद करते हैं।[1][2]
समूह | जनसंख्या |
---|---|
कुल | 3,07,868 |
पुरुष | 1,59,095 |
स्त्रियां | 1,48,773 |
शहरी | 18,867 |
ग्रामीण | 2,89,001 |
अनुसूचित जाति | 1,66,326 |
अनुसूचित जनजाति | 49,817 |
त्रिपुरा गर्वमेंट संग्रहालय पर्यटकों, विद्यार्थियों, जनता और शोधकत्ताओं आदि सभी को राज्य के भूतकाल और वर्तमान संबंधी इतिहास और परम्परा की जानकारी प्रदान करता है। यहां प्रदर्शित अधिकतर मूर्तियां काफी पुरानी है। यहां मौजूद प्रतिमाएं उदयपुर, पिलक, जोलईबरी और त्रिपुरा के अन्य जगहों से प्राप्त हुई है। इसके अलावा पिलक द्वारा प्राप्त सभी मूर्तियों का संग्रह काफी सुंदर है। यह हिन्दू और बौद्धों की परम्परा का मिश्रण है। यह अपनी शैली और विभिन्न विषयवस्तु के लिए अपने आप में प्रसिद्ध है।
अगरतला में प्रमुख आकर्षण केन्द्र उज्जौन्ता पैलेस, राज्य संग्रहालय, जनजातीय संग्रहालय, सुकान्ता एकेडमी, एम.बी.बी. कॉलेज, लक्ष्मीनारायाण मंदिर, उमा महेश्वर मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, बेनुबन बिहार, गेडु मीन मस्जिद, मलांच निवास, रविन्द्र कनान, पुरबाशा, हस्तशिप केन्द्र, चौदहवां देवी मंदिर, चर्च आदि है।
अगरतला स्थित उज्जयंता पैलेस एक शाही महल है। यह महल एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। इस महल का निर्माण महाराजा राधा किशोर मानिक ने सन् 1899-1901 ई. के दौरान करवाया था। महल में खूबसूरत टाइल, लकड़ी का अधिकतर काम और दरवाजों पर खूबसूरत हस्त कला की गई है। इस महल को विशाल मुगल गार्डन की शैली में तैयार किया गया है। उज्जयंता महल की वास्तुकला काफी आकर्षक है। इसके अतिरिक्त महल में तीन ऊंचे गुम्बद है।
लांगथिराई भगवान शिव का नाम है। माना जाता है कि भगवान शिव ने अपनी कैलाश यात्रा के दौरान लॉगथिराई पर्वत पर कुछ समय के लिए विश्राम किया था। यह मंदिर इसी पर्वत पर स्थित है। लॉगथिराई का अर्थ गहरी घाटी भी होता है। यह मंदिर अगरतला से 102 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर स्थित है। प्रकृति-प्रेमियों के लिए भी यह बिल्कुल उचित स्थान है। इस खूबसूरत जगह पर स्थित लांगथिराई मंदिर पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं।
कमलेश्वरी मां काली का एक अन्य नाम है। यह मंदिर कमलपुर शहर के मध्य में स्थित है। कमलेश्वरी मंदिर अंबासा से लगभग 35 किलोमीटर और अगरतला से 122 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सबसे निकटतम हवाई अड्डा सी.ए अगरतला है। अगरतला से धलाई 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कुमारघाट है।
धलाई सड़कमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
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