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दूती चन्द (अंग्रेजी :Dutee Chand) (जन्मः 3 फ़रवरी 1996) एक भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तिगत स्प्रिंट और वर्तमान राष्ट्रीय 100 मीटर इवेंट की महिला खिलाड़ी हैं।[1] ये भारत की तीसरी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्हें ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों के 100 मीटर की इवेंट में क़्वालीफाई किया गया है।[2] इन्होंने इटली में जुलाई, 2019 में सम्पन्न वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में इतिहास रचा। ये वहां महिलाओं के ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला बन गयीं। दुती ने 100 मीटर रेस में 11.32 सेकंड का समय निकालते हुए वह रेस जीती।2016 में उन्हें ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन में असिस्टेंट मैनेजर नियुक्त किया गया। 2019 में उन्होंने घोषणा की कि वे एक समलैंगिक संबंध में हैं।[3] उसी वर्ष प्यूमा ने उनके साथ दो वर्षों का करार किया।[4]
व्यक्तिगत जानकारी | |
---|---|
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जन्म |
3 फ़रवरी 1996 गोपालपुर , उड़ीसा, भारत |
खेल | |
खेल | ट्रैक एन्ड फिल्ड |
प्रतिस्पर्धा | स्प्रिंट |
क्लब | ओएनजीसी |
उपलब्धियाँ एवं खिताब | |
व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ |
100 मीटर: 11.24 (अल्माटी 2016) 200 m: 23.73 (अल्माटी 2016) 4X100 मीटर relay: 43.42 (अल्माटी 2016) |
२० अगस्त २०१६ को अद्यतित। |
दुती का जन्म ओडिशा के जाजपुर ज़िले के चाकागोपालपुर गाँव ग़रीब बुनकर परिवार में हुआ था।सात भाई-बहनों में वे अपने माता-पिता की तीसरी संतान हैं। उनकी और उनकी बड़ी बहन सरस्वती का 2006 में एक सरकारी खेल छात्रावास में दाखिला करा दिया गया।
दुती चंद ने 2019 में बताया कि वो समलैंगिक हैं। उनके अनुसार उनके समलैंगिक रिश्ते की वजह से उन्हें अपने ही परिवार के विरोध का सामना करना पड़ रहा था एवं उनकी बड़ी बहन ने उन्हें परिवार से निकाल देने की धमकी दी।[5] [6]
दुती पहली बार 2012 में निगाहों में आईं जब उन्होंने अंडर-18 नैशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर दौड़ जीतने के साथ नया रिकॉर्ड बना डाला।[7] अगले साल 2013 में ओडिशा की इस धावक ने पुणे में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 200 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और नैशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धाएं जीतीं।[5] उसी वर्ष वर्ल्ड यूथ चैंपियनशिप में भाग लेकर दुती किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के फाइनल में पहुँचने वाली देश की पहली धावक भी बनीं। एशियन जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, ताइपे के 200 मीटर और 4x400 मीटर रिले में स्वर्ण पदक जीत कर दुती ने साल 2014 की अच्छी शुरुआत की, लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों से पहले हार्मोन टेस्ट में विफल रहने के बाद उन्हें एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एएफआई) ने प्रतिबंधित कर दिया। तब उनमें टेस्टोस्टेरोन की उच्च मात्रा पाई गई थीं, इसे “हाइपरएंड्रोजेनिज़्म” कहते हैं।[3]
दुती को 2015 की जुलाई तक इंतज़ार करना पड़ा, तब कोर्ट ऑफ़ आरबिट्रेशन ऑफ़ स्पोर्ट्स (सीएएस) ने उनकी याचिका पर आईएएएफ के नियमों को खारिज करते हुए अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग लेने की अनुमति दे दी।[4] चंद मजबूती से उबरते हुए 2016 एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, दोहा के 60 मीटर वर्ग में नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ कांस्य पदक जीतीं। इसके बाद कज़ाकस्तान में जी कोसानोव मेमोरियल प्रतियोगिता के 100 मीटर स्पर्धा में 11.24 सेकेंड का समय निकाल कर 2016 रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाइ कर गईं। हालाँकि भारतीय धावक रियो में हीट स्टेज से आगे नहीं जा सकीं, लेकिन 2018 के एशियन गेम्स, जकार्ता में दो रजत पदक जीतीं। एशियाड के 100 मीटर दौड़ में उनका रजत पदक भारत के लिए 1986 के बाद बीते दो दशकों के दौरान जीता गया पहला पदक था, तब पीटी उषा रजत जीती थीं। तीन दिन बाद ही दुती चंद ने 200 मीटर में रजत जीत कर पेयर बना डाला।नापोली में 2019 समर यूनिवर्सियाड में दुती 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत कर किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलेटिक चैंपियनशिप के पोडियम पर शीर्ष में रहने वाली पहली भारतीय महिला धावक बनीं।[7] 59वीं नैशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2019 में दुती चंद ने अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए सेमीफ़ाइनल में 11.22 सेकेंड का समय निकाला और फ़ाइनल में 11.25 सेकेंड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
प्रतिनिधित्व: भारत[8]
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