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1977 की गोगी आनन्द की फ़िल्म विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
डार्लिंग डार्लिंग 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। इसका निर्देशन गोगी आनन्द द्वारा किया गया। फिल्म में देव आनन्द और ज़ीनत अमान हैं। आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा संगीत तैयार किया गया और आनंद बख्शी ने गीत लिखें। इसका किशोर कुमार द्वारा गाया गया गीत "ऐसे ना मुझे तुम" लोकप्रिय और सदाबहार है।[1]
डार्लिंग डार्लिंग | |
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डार्लिंग डार्लिंग का पोस्टर | |
निर्देशक | गोगी आनन्द |
अभिनेता |
देव आनन्द, ज़ीनत अमान |
छायाकार | फली मिस्त्री |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथि |
1977 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
कुमार (देव आनन्द) अमीर परिवार से हैं। माधवी उर्फ मधु (ज़ीनत अमान) अपनी सौतेली माँ और बहन, सीमा (पूनम सिन्हा) के साथ रहती है। सीमा और धीरज एक दूसरे से प्यार करते रहते हैं, लेकिन धीरज के पिता उससे कहते हैं कि सारे जायदाद की मालकिन मधु है, इस कारण उसे सीमा से नहीं, बल्कि मधु से शादी करनी चाहिए। सीमा की माँ भी सीमा से कहती है कि उसके फायदे के लिए मधु की शादी धीरज से करानी होगी। क्योंकि जिससे मधु की शादी होगी, पूरी जायदाद का मालिक भी वही होगा।
मधु की नौकरानी उसे बताती है कि उसने सीमा के पास धीरज की फोटो देखी थी, जिसमें दोनों बाहों में बाहें डाले हुए थे। मधु इस बात के पीछे सच्चाई जानने के लिए अपनी सौतेली माँ के पास जाती है तो वो उसकी सौतेली माँ और धीरज को उसकी शादी के बाद मारने की योजना बनाते सुन लेती है। ये बात जान कर वो घर से भाग जाती है। बीच में गुंडे उसे पकड़ लेते हैं, और उसका अपहरण करते समय कुमार वहाँ आ जाता है और गुंडों से माधवी को बचा लेता है। बाद में वो उससे अपनी दादी (दुर्गा खोटे) के सामने नाटक करने को कहता है कि वो लंदन से आई है और वो दोनों शादी करने वाले हैं। वो दोनों कुमार की दादी को दिखाने के लिए शादी कर लेते हैं।
उसके शादी के बाद दादी हवेली से चले जाती है, और उसके बाद कुमार को पता चलता है कि हवेली और बाकी सब कुछ कर्जे में डूबा हुआ है। इस कारण वो माधवी का एक लाख रुपये भी नहीं दे पाता है। माधवी उसे अपनी सारी सच्चाई बताती है और उससे बदले में उसके परिवार वालों के सामने भी शादी का नाटक करने को कहती है और वो कोई रास्ता न होने के कारण मान जाता है। इस बीच दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं।
बाद में मधु को पता चलता है कि उसके पिता अब भी जीवित हैं। धीरज के पिता ने उसके पिता को कई सालों से अपने कैद में रखा था। वो उसके पिता के बदले में पैसे मांगता है। कुमार किसी तरह मधु और उसके पिता को बचाने की कोशिश करता है, और अंत में पुलिस भी आ जाती है और सभी अपराधियों को पकड़ लेती है। इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।
सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "हैलो डार्लिंग" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:03 |
2. | "वो औरत है" | किशोर कुमार | 4:27 |
3. | "रात गई बात गई" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:00 |
4. | "एक मैं हूँ एक तू" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 4:16 |
5. | "ऐसे ना मुझे तुम" | किशोर कुमार | 4:25 |
6. | "ये दुनिया क्या है" | किशोर कुमार, आर॰ डी॰ बर्मन | 5:48 |
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