चित्राधार जयशंकर प्रसाद की आरंभिक प्रकाशित पुस्तकों में से एक है, जिसका प्रकाशन सन् १९१८ ई॰ में हुआ था। आरंभ में यह एक संकलन ग्रंथ की तरह था। बाद में इसमें काफी परिवर्तन किये गये।
परिचय
'चित्राधार' का प्रथम संस्करण हिन्दी-ग्रन्थ-भण्डार-कार्यालय, बनारस सिटी से सन् १९१८ ई॰ (संवत् १९७५) में प्रकाशित हुआ था।[1] इसका स्वरूप एक वृहद् संचयन जैसा था और इसमें किसी एक प्रकार की रचनाएँ न होकर विभिन्न प्रकार की रचनाओं का समुच्चय था।
प्रथम संस्करण
इसके प्रथम संस्करण में निम्नांकित दस रचनाएँ बिल्कुल अलग-अलग रूप में, अलग-अलग पृष्ठ संख्या के साथ संकलित थीं :-
- कानन कुसुम
- प्रेम पथिक
- महाराणा का महत्त्व
- सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य
- छाया
- उर्वशी
- राज्यश्री
- करुणालय
- प्रायश्चित्त
- कल्याणी परिणय
इनमें से प्रत्येक रचना के लिए अलग से पृष्ठ संख्या रखी गयी थीं। 'कानन कुसुम' की पृष्ठ संख्या १११ थीं। 'प्रेम पथिक' की २५, महाराणा का महत्त्व की १६, सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य की ८०, छाया की १२४, उर्वशी की २० राज्यश्री की ३९, करुणालय की १४, प्रायश्चित्त की १२ और कल्याणी परिणय की २१.[1] जाहिर है कि इसमें ब्रजभाषा और खड़ीबोली की रचनाएँ तो थीं ही, अनेक विधाओं की रचनाएँ भी थीं।[2] इस सन्दर्भ में यह बात विशेष रुप से ध्यान रखने योग्य है कि 'चित्राधार' के प्रथम संस्करण में संकलित होने से पूर्व कुछ रचनाएँ पुस्तकाकार तथा कुछ विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी थीं।
प्रसाद जी की आरंभिक रचनाओं का समादर भी तत्काल होने लगा था। 'चित्राधार' के प्रथम संस्करण के प्रकाशकीय वक्तव्य में उल्लिखित है कि कई लोगों ने आग्रह किया था कि प्रसाद जी की समस्त रचनाओं को एक साथ संकलित कर प्रकाशित करना चाहिए ताकि हिन्दी-प्रेमियों को उनकी सभी रचनाएँ सुलभ हो सके।[3] इसलिए इस प्रकार का संकलन ग्रंथ प्रकाशित किया गया।
द्वितीय संस्करण
'चित्राधार' का द्वितीय संस्करण सन् १९२८ (संवत् १९८५) में साहित्य-सरोज कार्यालय, बनारस सिटी से प्रकाशित हुआ। इस संस्करण की पृष्ठ संख्या १९० थीं। यह संस्करण प्रथम संस्करण से काफी भिन्न था। द्वितीय संस्करण में निम्नांकित रचनाएँ संकलित थीं[4] :-
- उर्वशी
- बभ्रुवाहन
- अयोध्या का उद्धार
- वन मिलन
- प्रेम राज्य
- नाट्य-
- प्रायश्चित्त
- सज्जन
- कथा-प्रबंध-
- ब्रह्मर्षि
- पंचायत
- प्रकृति सौंदर्य
- सरोज
- भक्ति
- पराग-
- अष्टमूर्ति
- कल्पना-सुख
- मानस
- शारदीय शोभा
- रसाल-मंजरी
- रसाल
- वर्षा में नदी-कूल
- उद्यान-लता
- प्रभात-कुसुम
- विनय
- शारदीय महापूजन
- विभा
- विदाई
- नीरद
- शरद-पूर्णिमा
- संध्या-तारा
- चन्द्रोदय
- इंद्र-धनुष
- भारतेंदु प्रकाश
- नीरव प्रेम
- विस्मृत प्रेम
- विसर्जन
- मकरन्द बिंदु
इस शीर्षक के अन्तर्गत छोटी-छोटी कविताएँ प्रकाशित हैं।
'चित्राधार' में संकलित कथामूलक भाव वाली कविताएँ तीन हैं -- 'वन मिलन', 'अयोध्या का उद्धार' और 'प्रेम राज्य'।[5]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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