उनको बड़ी सुदंरता से उठाए रहती हैं। जब तक अंडे परिपक्व होकर फूटते नहीं तब तक मादा इसी बाह्म प्रकवच में रखकर अंडे को सेती हैं। नर मृदुनाविक में, जो स्त्री
बगीचे में उसके अंडों को ढूँढ सके, हालांकि उसकी मदद दर्जी की समझदार पत्नी करती है। रिक्की अंडों को ढूँढ कर अधिकतर अंडे नष्ट कर देता है (अंडे की परत को ऊपर
शहद आदि से बच्चे नहीं होते जबकि अंडे जिसे कुछ तथाकथित बुद्धजीवी शाकाहारी कहते है, उनसे बच्चे जन्म लेते हैं। अतः अंडे मांसाहार है। प्याज़ और लहसुन शाकाहार
मनुष्यों के निवास के पास ही पौधों, दरारों तथा अँधेरे स्थानों में अंडे देती है। इन अंडों में लार्वा उत्पन्न होते हैं, जो ग्रीष्म ऋतु के प्रारंभ में मक्खी