जयपुर के भूतपूर्व राजघराने की राजमाता गायत्री देवी का जन्म २३ मई १९१९ को लंदन में हुआ था। राजकुमारी गायत्री देवी के पिता राजकुमार जितेन्द्र नारायण कूचबिहार (बंगाल) के युवराज के छोटे भाई थे, वहीं माता बड़ौदा की राजकुमारी इंदिरा राजे थीं। पहले शांतिनिकेतन, फिर लंदन और स्विट्ज़रलैंड में शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात इनका इनका विवाह जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह (द्वितीय) से हुआ। वॉग पत्रिका द्वारा कभी दुनिया की दस सुंदर महिलाओं में गिनी गईं राजमाता गायत्री देवी राजनीति में भी सक्रिय थीं।[1] इन्होंने सन् १९६२ में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी द्वारा स्थापित स्वतंत्र पार्टी की उम्मीदवार के रूप में जयपुर संसदीय क्षेत्र से समूचे देश में सर्वोच्च बहुमत से चुनाव में विजयी होने का गौरव प्राप्त किया। इसके बाद १९६७ और १९७१ के चुनावों में विजयी होकर लोकसभा सदस्य चुनी गईं। लेकिन राजनीतिक सफर में कष्ट भी सहने पड़े, जब आपातकाल के दौरान वे दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद रही। गायत्री देवी पर (ए प्रिंसेस रिमेम्बर्स) तथा (ए गवर्नमेंट्स गेट वे) नामक पुस्तकें अंग्रेजी में प्रकाशित हो चुकी हैं। 90 वर्ष की आयु में २९ जुलाई २००९ को इनका जयपुर में निधन हो गया।She was corrupted and thrown to jail by Indra Gandhi .

सामान्य तथ्य गायत्री देवी, शासनावधि ...
गायत्री देवी
जयपुर की राजमाता
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शासनावधि१९३९ - १९७०
जन्म27 मई 1919
लंदन
निधनजुलाई 29, 2009(2009-07-29) (उम्र 90)
जयपुर
संतानराजकुमार जगत सिंह
घरानाकछवाहा
पिताराजकुमार जितेंद्र नारायण
माताराजकुमारी इंदिरा राजे
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प्रारंभिक जीवन

गायत्री देवी का जन्म एक कूच राजबोंग्शी हिन्दू परिवार में हुआ[2]। उनके पिता, कूच बिहार के राजकुमार, जितेंदर नारायण, राजा के छोटे भाई थे। गायत्री देवी की माता, बरोदा की राजकुमारी इंदिरा राजे, महाराष्ट्र के एक महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III की एकलौती पुत्री, एक बहुत ही खूबसूरत राजकुमारी और एक महान समाजवादी थी। उनकी छोटी उम्र में उनके ताऊ की मृत्यु के बाद उनके पिता को गद्द्दी पे बिठाया गया। गायत्री देवी ने अपनी पढाई  ग्लेनडोवेर प्रिपरेटरी स्कूल लंदन, विश्व-भारतीय यूनिवर्सिटी, शांतिनिकेतन, और उसके बाद लॉसेन, स्विट्ज़रलैंड, जहाँ वह अपनी माता के साथ अक्सर जाय करती थीं, से पूरी की।

गायत्री देवी की मुलाकात पहली बार राजा सवाई मान सिंह II, से तब हुई जब वह केवल १२ साल की थीं। राजा साहेब कलकत्ता में पोलो खेलने के लिए गए थे और उनका राजकुमारी के परिवार के साथ ठहरना हुआ। गायत्री देवी और सवाई मान सिंह II बहादुर की शादी ०९, मई १९४० को हुई।

महारानी गायत्री देवी एक अच्छी घुडसवारिका और पोलो की खिलाड़ी थीं। गायत्री देवी का निशाना भी कमाल का था, वह अक्सर शिकार पे भी जाया करती थीं। महारानी को गाडिओं का भी काफी शौक था, उन्होंने भारत में पहली मर्सिडीज़-बैन्ज़ W126 इम्पोर्ट की थी और उनके पास खुद का एक हवाई जहाज, और रोल्स रॉयस गाड़ियां भी थीं। गायत्री देवी के पुत्र, जयपुर के राजकुमार जगत सिंह का जनम १५ अक्टूबर १९४९ में हुआ, जो बाद में ईसरदा के रजा बने।

राजमाता गायत्री देवी का नाम वोग मैगज़ीन की १० सबसे खूबसूरत महिलाओं में भी शामिल था।  

राजमाता ने जयपुर में महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूलों जैसे कई स्कूलों की स्थापना की।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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