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2003 की अनुराग बसु की फ़िल्म विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
कुछ तो है 2003 में बनी हिन्दी भाषा की रूमानी तत्व लिये डरावनी फिल्म है। यह अनुराग बसु और अनिल वी॰ कुमार द्वारा निर्देशित है, जबकि राजीव झावेरी द्वारा लिखी गई है। फिल्म में तुषार कपूर, ईशा देओल, अनिता हस्सनंदनी, यश टोंक, ऋषि कपूर, जितेन्द्र और मुनमुन सेन हैं। फिल्म बालाजी मोशन पिक्चर्स के बैनर के तहत बनाई गई है। यह अर्बन लेजेंड्स (1998) से प्रेरित है, जबकि यह अमेरिकी डरावनी फिल्म आई नो व्हाट यू डिड लास्ट समर (1997) की अनाधिकारिक रीमेक है।
कुछ तो है | |
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कुछ तो है का पोस्टर | |
निर्देशक |
अनुराग बसु अनिल वी॰ कुमार |
लेखक | राजीव झावेरी |
निर्माता |
एकता कपूर शोभा कपूर |
अभिनेता |
तुषार कपूर, ईशा देओल, अनिता हस्सनंदनी, यश टोंक |
संगीतकार | अनु मलिक |
निर्माण कंपनी |
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प्रदर्शन तिथियाँ |
24 जनवरी, 2003 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
करन (तुषार कपूर) और नताशा (अनिता हस्सनंदनी) बचपन के दोस्त रहते हैं। नताशा हमेशा से करन से मन ही मन प्यार करते रहती है और उससे शादी करना चाहती रहती है। लेकिन करन कॉलेज में नई-नई आई एक लड़की, तान्या (ईशा देओल) पर लट्टू हो जाता है।
करन और उसके दोस्त, नताशा, यश, पैट और कुश मिल कर प्रो॰ बख़्शी के घर से परीक्षा के पेपर चुराने जाते हैं, ताकि तान्या का साल खराब न हो। पर उन्हें वहाँ एक लड़की की लाश मिलती है, और वे लोग भागने लगते हैं और तभी प्रो॰ बख़्शी आ जाता है और उनका पीछा करना शुरू कर देता है। उनके कार से प्रो॰ बख़्शी टकरा जाता है और पहाड़ी से गिर जाता है। गिरफ्तार होने के डर से वे लोग वहाँ से फरार हो जाते हैं और नई जिंदगी शुरू करते हैं।
लगभग साल भर बाद वे लोग फिर से एक दोस्त की शादी में मिलते हैं। पर अचानक उनके दोस्तों को कोई एक एक कर के मारने लगता है। जब यश पर हमला होता है तो करन के पीछा करने पर उसे प्रो॰ बख़्शी मिलते हैं। जब करन उनके साथ रहता है, तभी किसी और दोस्त पर हमला हो जाता है। उन्हें पता चलता है कि कुश पर हमला हुआ है, और वो इसका जिम्मेदार "तान्या" को ठहराता है, क्योंकि उसने उसके लाल कपड़े का टुकड़ा हमला होते हुए पकड़ा था।
करन कार का पीछा करते हुए पहाड़ी पर जाता है, जहाँ उसे नताशा जख्मी हालत में मिलती है, वो बताती है कि प्रो॰ बख़्शी ने उसे यहाँ लाया है और तान्या भी यहीं है। करन को एहसास होता है कि वो झूठ बोल रही है, क्योंकि कुछ ही समय पहले तक प्रो॰ बख़्शी उसके साथ थे। वो नताशा के दुपट्टा में फटा हुआ हिस्सा भी देखता है और समझ जाता है कि ये वही दुपट्टा है, जिसकी कुश बात कर रहा था। वो नताशा से पूछता है कि उसने इतने सारे लोगों को क्यों मारा? तो वो माफी मांगने लगती है और कहती है कि वो उससे बहुत प्यार करती है। ऐसा कहते हुए वो पीछे चलने लगती है और बर्फ से दबे पहाड़ से करन का नाम लेते हुए गिरने लगती है। करन उसे बचाने की कोशिश करता है, पर नाकाम रहता है।
करन अपने सारे दोस्तों को याद करते रहता है, जो मर चुके हैं, जिसमें नताशा भी रहती है। जब वो प्लेन से वापस दिल्ली जाने वाला होता है, तभी उसकी मुलाक़ात तान्या से होती है, वे दोनों साथ रखने का फैसला करते हैं, तभी उन्हें पीछे की सीट में यश भी मिलता है और इसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "इतनी प्यारी नहीं लगी" | बाबुल सुप्रियो, साधना सरगम | 6:53 |
2. | "ये मेरा दिल" | शान, सुनिधी चौहान | 7:02 |
3. | "होने लगा होने लगा" | सुनिधी चौहान, प्रिया भट्टाचार्य | 6:46 |
4. | "क्या प्यार करोगे मुझसे" (I) | अलका याज्ञिक | 4:28 |
5. | "ऐसा क्यों होता है" | सुनिधी चौहान, केके | 7:24 |
6. | "दिल डिंग डोंग डिंग" | केके, सुनिधी चौहान | 6:47 |
7. | "प्यार प्यार में" | सोनू निगम | 7:05 |
8. | "क्या प्यार करोगे मुझसे" (II) | सोनू निगम, अलका याज्ञिक | 7:58 |
कुल अवधि: | 54:23 |
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