इस अपवर्तन की मात्रा किरण के मार्ग के साक्षेप अपवर्तनीय झुकाव (gradient of refractivity) पर निर्भर करती है और यह अपवर्तनीय झुकाव माध्यम (यहाँ वायुमंडल)
का परास (range) बहुत बड़ा न हो, तो हमारी आँखों तक फिल्म के विभिन्न बिंदुओं से आती हुई किरणों के झुकाव की भिन्नता कोई अधिक नहीं होती और प्रत्येक किरण का
कोई तल प्रकाश की किरणोंका परावर्तन किसी ऐसे प्रकार से करता है जिसमें किरणें उपर्युक्त नियमों का पालन नहीं करतीं तो ऐसा तल दर्पण का तल न होकर विसारी परावर्तक
proportional ) होती है। भूअक्ष के झुकाव के कारण ज्यों ज्यों कोई गोलार्ध सूर्य के सम्मुख होता जाता है, त्यों त्यों किसी स्थान पर सौर किरणों द्वारा क्षितिज पर बनाया