अल्मोड़ा
उत्तराखण्ड राज्य में एक नगर विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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अल्मोड़ा (Almora) भारत के उत्तराखण्ड राज्य में एक नगरपालिका और छावनी नगर है। यह अल्मोड़ा ज़िले का मुख्यालय भी है और राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है। यह हिमालय की कुमाऊँ पहाड़ियों की दक्षिणी ढलानों में बसा हुआ है। नगर के समीप कौशिका (कोसी नदी) और शाल्मली (सुयाल नदी) बाह्ती हैं। यह एक पर्यटक स्थल भी है।[1][2]
अल्मोड़ा Almora | |
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सन् 2013 में अल्मोड़ा का दृश्य | |
निर्देशांक: 29.60°N 79.66°E | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तराखण्ड |
ज़िला | अल्मोड़ा ज़िला |
क्षेत्रफल | |
• कुल | 16.6 किमी2 (6.4 वर्गमील) |
ऊँचाई | 1642 मी (5,387 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 35,513 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, कुमाऊँनी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 263601 |
दूरभाष कोड | +91-5962 |
वाहन पंजीकरण | UK-01 |
लिंगानुपात | 1142 ♂/♀ |
जलवायु | पर्वतीय (BSh) और आर्द्र उपोष्णकटिबन्धीय (Cwb) (कोपेन) |
औसत वार्षिक तापमान | −3 से 28 °से. (27 से 82 °फ़ै) |
औसत ग्रीष्म तापमान | 12 से 28 °से. (54 से 82 °फ़ै) |
औसत शीत तापमान | −3 से 15 °से. (27 से 59 °फ़ै) |
वेबसाइट | almora |
अल्मोड़ा दिल्ली से ३६५ किलोमीटर और देहरादून से ४१५ किलोमीटर की दूरी पर, कुमाऊँ हिमालय श्रंखला की एक पहाड़ी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। भारत की २०११ की जनगणना के अनुसार अल्मोड़ा की कुल जनसंख्या ३५,५१३ है। अल्मोड़ा की स्थापना राजा बालो कल्याण चंद ने १५६८ में की थी। महाभारत (८ वीं और ९वीं शताब्दी ईसा पूर्व) के समय से ही यहां की पहाड़ियों और आसपास के क्षेत्रों में मानव बस्तियों के विवरण मिलते हैं। अल्मोड़ा, कुमाऊं राज्य पर शासन करने वाले चंदवंशीय राजाओं की राजधानी थी। स्वतंत्रता की लड़ाई में तथा शिक्षा,कला एवं संस्कृति के उत्थान में अल्मोड़ा का विशेष हाथ रहा है। यह स्थान काफी सुंदर है।
स्कन्दपुराण के मानसखंड में कहा गया है कि कौशिका (कोशी) और शाल्मली (सुयाल) नदी के बीच में एक पावन पर्वत स्थित है। यह पर्वत और कोई पर्वत न होकर अल्मोड़ा नगर का पर्वत है। यह कहा जाता है कि इस पर्वत पर विष्णु का निवास था। कुछ विद्वानों का यह भी मानना है कि विष्णु का कूर्मावतार इसी पर्वत पर हुआ था। एक कथा के अनुसार यह कहा जाता है कि अल्मोड़ा की कौशिका देवी ने शुंभ और निशुंभ नामक दानवों को इसी क्षेत्र में मारा था। कहानियाँ अनेक हैं, परन्तु एक बात पूर्णत: सत्य है कि प्राचनी युग से ही इस स्थान का धार्मिक, भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्त्व रहा है।
आज के इतिहासकारों की मान्यता है कि सन् १५६३ ई. में चन्द राजवंश के राजा बालो कल्याणचंद ने आलमनगर के नाम से इस नगर को बसाया था।[3] चंदवंश की पहले राजधानी चम्पावत थी।[4] कल्याणचंद ने इस स्थान के महत्त्व को भली-भाँति समझा। तभी उन्होंने चम्पावत से बदलकर इस आलमनगर (अल्मोड़ा) को अपनी राजधानी बनाया।[5][6]
सन् १५६३ से लेकर १७९० ई. तक अल्मोड़ा का धार्मिक भौगोलिक और ऐतिहासिक महत्त्व कई दिशाओं में अग्रणीय रहा। इसी बीच कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं राजनैतिक घटनाएँ भी घटीं। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक दृष्टियों से भी अल्मोड़ा समस्त कुमाऊँ अंचल का प्रतिनिधित्व करता रहा।
सन् १७९० ई. से गोरखाओं का आक्रमण कुमाऊँ अंचल में होने लगा था।[7] गोरखाओं ने कुमाऊँ तथा गढ़वाल पर आक्रमण ही नहीं किया बल्कि अपना राज्य भी स्थापित किया। १८०१ में काशीपुर ब्रिटिश राज के अंतर्गत आया था। १८१४ में आंग्ल गोरखा युद्ध छिड़ने पर ब्रिटिश सेना ने काशीपुर में पड़ाव डाला था। ११ फरवरी १८१५ को कर्नल गार्डनर के नेतृत्व में सैनिक काशीपुर से कटारमल के लिए रवाना हुए। आगे चलकर कर्नल निकोलस के अंतर्गत २००० सैनिकों की टुकड़ी भी इनमें जुड़ गई। नेपाल से हस्तिदल शाह भी ५०० गोरखा सैनिकों को लेकर अल्मोड़ा की रक्षा को निकल पड़ा। विनयथल नामक स्थान पर इन दोनों के मध्य लड़ाई छिड़ गई, जिसमें गोरखा कमांडर हस्तिदल और जयराखा वीरगति को प्राप्त हो गए।[8] इसके बाद इस संयुक्त टुकड़ी ने निकोलस के नेतृत्व में २५ अप्रैल १८१५ को अल्मोड़ा पर आक्रमण किया, और आसानी से कब्ज़ा कर लिया। २७ अप्रैल को अल्मोड़ा के गोरखा अधिकारी, बाम शाह ने हथियार डाल दिए, और कुमाऊँ पर ब्रिटिश राज स्थापित हो गया।[9] सन् १८१६ ई. में अंग्रेजो की मदद से गोरखा पराजित हुए और इस क्षेत्र में अंग्रेजों का राज्य स्थापित हो गया।[10][11][12]
अल्मोड़ा नगर उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मंडल में स्थित है।[13] यह समुद्रतल से १६४६ मीटर की ऊँचाई पर ११.९ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह नगरी पहाड़ी के दोनों ओर पर्वत-चोटी पर बसा हुआ है। कोशी तथा सुयाल नदियां नगर के नीचे से होकर बहती हैं।
अल्मोड़ा कुमाऊँ हिमालय की एक घोड़े की काठी के आकार की पहाड़ी की चोटी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। उस चोटी के पूर्वी भाग को तेलीफट, और पश्चिमी भाग को सेलीफट के नाम से जाना जाता है। चोटी के शीर्ष पर, जहां ये दोनों, तेलीफट और सेलीफट, जुड़ जाते हैं, अल्मोड़ा बाजार स्थित है। यह बाजार बहुत पुराना है और सुन्दर कटे पत्थरों से बनाया गया है।
अल्मोड़ा में वर्ष का औसत तापमान २३.५ डिग्री सेल्सियस रहता है।[14] ३१.१ डिग्री सेल्सियस औसत तापमान के साथ जून साल का सबसे गर्म जबकि १३.३ डिग्री सेल्सियस औसत तापमान के साथ जनवरी सबसे ठंडा महीना होता है।[14] अल्मोड़ा में वर्षा की औसत मात्रा ११३२.५ मिलीमीटर है।[14] इस जलवायु के लिए कोपेन जलवायु वर्गीकरण "CWA" है।[15]
माह | जनवरी | फरवरी | मार्च | अप्रैल | मई | जून | जुलाई | अगस्त | सितम्बर | अक्टूबर | नवम्बर | दिसम्बर | वर्ष |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
औसत उच्च तापमान °C (°F) | 20 (68) |
22.8 (73) |
28.7 (83.7) |
34.9 (94.8) |
38.1 (100.6) |
37 (99) |
32.9 (91.2) |
32.4 (90.3) |
32.2 (90) |
31.1 (88) |
26.9 (80.4) |
21.8 (71.2) |
29.9 (85.8) |
दैनिक माध्य तापमान °C (°F) | 13.3 (55.9) |
15.9 (60.6) |
21.1 (70) |
27.1 (80.8) |
30.6 (87.1) |
31.1 (88) |
28.7 (83.7) |
28.4 (83.1) |
27.5 (81.5) |
24.5 (76.1) |
19.4 (66.9) |
14.7 (58.5) |
23.5 (74.3) |
औसत निम्न तापमान °C (°F) | 6.6 (43.9) |
8.9 (48) |
13.5 (56.3) |
19.3 (66.7) |
23 (73) |
25.2 (77.4) |
24.7 (76.5) |
24.5 (76.1) |
22.9 (73.2) |
17.9 (64.2) |
12 (54) |
7.7 (45.9) |
17.2 (63) |
औसत वर्षा मिमी (इंच) | 26.6 (1.047) |
26.1 (1.028) |
21.3 (0.839) |
15.2 (0.598) |
31.9 (1.256) |
140.9 (5.547) |
318.4 (12.535) |
330.3 (13.004) |
172.2 (6.78) |
34.4 (1.354) |
4.6 (0.181) |
10.6 (0.417) |
1,132.5 (44.586) |
स्रोत: India Meteorological Department[16] Weatherbase[17] |
अल्मोड़ा नगर अपनी ऐतिहासिक विरासत के साथ साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। नगर में एक ओर चन्दकालीन किले तथा मंदिर हैं, तो वहीं दूसरी ओर ब्रिटिशकालीन चर्च तथा पिकनिक स्थल भी उपस्थित हैं। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा सड़क मार्ग से पूरे कुमाऊँ क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, इसलिए सुदूर पर्वतीय स्थलों तक भ्रमण करने वाले लोग भी अल्मोड़ा से होकर गुजरते हैं। पर्यटकों, प्रकृति-प्रेमियोम, पर्वतरोहियों और पदारोहियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अल्मोड़ा आज का सर्वोत्तम नगर है। यहाँ रहने के लिए अच्छे होटल हैं। अलका होटल, अशोक होटल, अम्बैसेडर होटल, ग्रैंड होटल, त्रिशुल होटल, रंजना होटल, मानसरोवर, न्यू हिमालय होटल, नीलकंठ होटल, टूरिस्ट कॉटेज, रैन बसेरा होटल, प्रशान्त होटल और सेवॉय होटल आदि कई ऐसे होटल हैं जहाँ रहने की सुन्दर व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त होलीडे होम, सर्किट हाऊस, सार्वजनिक निर्माण विभाग का विश्राम-गृह, वन विभाग का विश्राम-गृह और जुला परिषद का विश्राम-गृह भी सैलानियों के लिए उपलब्ध किये जा सकते हैं। यहाँ के ऊनी वस्र प्रसिद्ध है। लाला बाजार और चौक बाजार इसके केन्द्र हैं।
२०११ की जनगणना के अनुसार, अल्मोड़ा की जनसंख्या ३५,५१३ है, जिसमें से पुरुषों की संख्या १८,३०६ है जबकि महिलाओं की संख्या १७,२०७ है। कुल जनसंख्या में से, नगरपालिका क्षेत्र की जनसंख्या ३४,१२२ है,[23] जबकि छावनी क्षेत्र की जनसंख्या १,३९१ है।[24] अल्मोड़ा नगर की साक्षरता दर ८६.१९% है, जो राज्य की औसत ७८.८२% से अधिक है।[18] पुरुषों में साक्षरता लगभग ८८.०६% है जबकि महिलाओं में साक्षरता दर ८४.२१% है।[18]
गोरखा राज के समय अल्मोड़ा में लगभग १००० घर थे,[25] और १८२१ में अल्मोड़ा की जनसंख्या ३५०५ थी।[26] १८८१ में जब इम्पीरियल गजेटियर आफ़ इण्डिया के प्रथम संस्करण का प्रकाशन हुआ, उस समय अल्मोड़ा की जनसंख्या ७,३९० थी। १९५१ की स्वतंत्र भारत की प्रथम जनगणना में नगर की जनसंख्या १२,७५७ थी, और २००१ तक यह ३२,३५८ पहुंच चुकी थी।[27]
कुल आबादी में से ९०.८४% लोग हिंदू धर्म का जबकि ७.५४% लोग इस्लाम का अभ्यास करते हैं। इसके अतिरिक्त नगर में अल्प संख्या में सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के अनुयायी भी हैं। हिंदी और संस्कृत राज्य की आधिकारिक भाषाऐं हैं जबकि कुमाऊँनी यहाँ की स्थानीय बोली है। अंग्रेजी का भी प्रयोग होता है।
अल्मोड़ा के नगर पालिका परिषद की स्थापना १८६४ में हुई थी। नगर पालिका क्षेत्र की जनसंख्या ३४,१२२ है जिसमें से १७,३५८ पुरुष हैं जबकि १६,७६४ महिलाएं हैं।[23] ०-६ वर्ष की उम्र वाले बच्चों की संख्या २,९५० है, जो कुल आबादी का ८.६५% है।[23] नगर का लिंगानुपात ९६६ महिलाएं प्रति १००० पुरुष है।[23] कुल जनसंख्या में से १६.३८% अनुसूचित जाति के जबकि १% अनुसूचित जनजाति के हैं।[23]
नगर में कुल ११ वार्ड हैं:
वार्ड संख्या | नाम | आरक्षण | पार्षद | दल |
१ | सैलाखोला | पिछड़ी जाति, महिला | श्रीमती राधा नेगी | निर्दलीय |
२ | रामशिला | महिला | विधा बिष्ट | भारतीय जनता पार्टी |
३ | बद्रेश्वर | अनारक्षित | हेम चन्द्र तिवारी | निर्दलीय |
4 | एन0टी0टी0 | अनारक्षित | मुकेश नेगी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
5 | ञिपुरासुन्दरी | अनारक्षित | श्याम पाण्डे (श्यामू) | भारतीय जनता पार्टी |
६ | लक्ष्मेश्वर | अनारक्षित | अशोक पाण्डे | निर्दलीय |
७ | मुरलीमनोहर | अनु०जाति, महिला | सरिता टम्टा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
८ | बालेश्वर | अनारक्षित | जगमोहन बिष्ट | भारतीय जनता पार्टी |
९ | विवेकानन्दपुरी | महिला | श्रीमती कंचन भट्ट | निर्दलीय |
१० | राजपुर | अनु०जाति | सचिन कुमार | निर्दलीय |
११ | नन्दादेवी | अनारक्षित | राजेन्द्र तिवारी | निर्दलीय |
२०१६ की सांख्यिकी पत्रिका के अनुसार अल्मोड़ा नगर में कुल ३९ प्राथमिक विद्यालय, १६ माध्यमिक विद्यालय तथा १० उच्च माध्यमिक विद्यालय (६ बालक, ४ बालिका) हैं।[29] १८४४ में अल्मोड़ा में एक मिशन स्कूल खोला गया था जो १८७१ में रामसे कॉलेज में परिवर्तित हुआ था, लेकिन फिर, उसे वापस एक हाई स्कूल में परिवर्तित किया गया। यह पहला स्कूल है, जिसने अल्मोड़ा में अंग्रेजी शिक्षा शुरू की। अल्मोड़ा टाउन स्कूल की स्थापना १९०७ में हुई थी।
अल्मोड़ा कॉलेज पहले आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेज हुआ करता था। १९७३ में नैनीताल में कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ ही, यह कुमाऊं विश्वविद्यालय का घटक महाविद्यालय बन गया और १९९४ में इसे विश्वविद्यालय के कैंपस का दर्जा दे दिया गया। ६ सितम्बर २०१६ को यहां उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, और फिर अप्रैल २०१७ में अल्मोड़ा में ही स्थित उदय शंकर राष्ट्रीय संगीत नाट्य अकादमी और स्व. जगत सिंह बिष्ट राजकीय होटल मैनेजमेंट संस्थान को आवासीय विवि के अधीन कर दिया गया।
निजी वाहन अल्मोड़ा में स्थानीय परिवहन के प्रमुख साधन हैं। नगर में स्थानीय लोग आमतौर पर पैदल ही यात्रा करते हैं। पंतनगर विमानक्षेत्र निकटतम हवाई अड्डा है, जबकि काठगोदाम अल्मोड़ा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। अल्मोड़ा से नैनीताल ६७ कि॰मी॰, काठगोदाम ९० कि॰मी॰, पिथौरागढ़ १०९ कि॰मी॰ और दिल्ली ३७८ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। इन स्थानों के लिए नियमित बस-सेवायें उपलब्ध है। हल्द्वानी, काठगोदाम और नैनीताल से नियमित बसें अल्मोड़ा जाने के लिए चलती हैं।
अल्मोड़ा उत्तर भारत के सभी प्रमुख नगरों और उत्तराखण्ड राज्य के सभी जिला मुख्यालयों से सड़क नेटवर्क द्वारा जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग १०९ (पहले राष्ट्रीय राजमार्ग ८७) अल्मोड़ा को हल्द्वानी, भवाली, रानीखेत, द्वाराहाट और कर्णप्रयाग से जोड़ता है। इसके अतिरिक्त अल्मोड़ा से २ अन्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग ३०९ए और राष्ट्रीय राजमार्ग ३०९बी भी शुरू होते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग ३०९ए अल्मोड़ा से बागेश्वर, बेरीनाग और गंगोलीहाट होते हुए घाट पर ख़त्म होता है, और राष्ट्रीय राजमार्ग ३०९बी जागेश्वर, दन्या और पनार होते हुए रामेश्वर तक जाता है।
यात्रियों को सस्ती व सुलभ सेवा प्रदान करने के उद्देश्य को लेकर सन् १९७० के दशक में अल्मोड़ा में रोडवेज डिपो की स्थापना की गई थी।[30] नगर में उत्तराखण्ड परिवहन निगम का बस स्टेशन मालरोड में स्थित है, जहां से विभिन्न रूटों को बस सेवाएं संचालित की जाती हैं।[31] बस अड्डे से पांच किमी दूर लोअर मालरोड में परिवहन निगम का वर्कशॉप है। मालरोड पर ही केमू का भी बस स्टेशन है। इसके अतिरिक्त धारानौला में भी एक बस स्टेशन है। लक्ष्मेश्वर में एक अंतर्राज्यीय बस अड्डा भी निर्माणाधीन है।[32][33][34] देहरादून के बाद यह राज्य का दूसरा अंतर्राज्यीय बस अड्डा होगा।[35] अल्मोड़ा में एक उप-क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भी है[36]जहां UK-01 नंबर से वाहनों का पंजीकरण होता है।[37]
विकिमीडिया कॉमन्स पर Almora से सम्बन्धित मीडिया है। |
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