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अनुरोध (1977 फ़िल्म)
1977 की शक्ति सामंत की फ़िल्म विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
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अनुरोध 1977 में बनी हिन्दी भाषा की संगीतमय नाट्य फिल्म है। गिरिजा सामंत द्वारा निर्मित और शक्ति सामंत द्वारा निर्देशित यह फिल्म 1963 की एक बंगाली फिल्म पर आधारित है। फिल्म में राजेश खन्ना, विनोद मेहरा, सिम्पल कपाड़िया, रीटा भादुड़ी, अशोक कुमार, असरानी, असित सेन, उत्पल दत्त और निरूपा रॉय हैं। फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया है। यह फिल्म राजेश खन्ना की साली सिम्पल कपाड़िया की पहली फिल्म है।
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संक्षेप
सारांश
परिप्रेक्ष्य
अरुण (राजेश खन्ना) अमीर व्यापारी श्री चौधरी का इकलौता पुत्र था। वह प्रसिद्ध गायक बनना चाहता था और स्थानीय रेडियो में गाता था। ज्यादातर वह अपने दोस्त श्रीकांत (विनोद मेहरा) द्वारा लिखे गए गीत गाता था। उसके पिता चाहते हैं कि वे अपने परिवार के व्यवसाय की देखभाल करें और सोचते हैं कि गायन उनके रुतबे के लोगों के लायक काम नहीं है। इससे हमेशा पिता और पुत्र के बीच तनाव होता है। दूसरे छोर पर, श्रीकांत अपनी विधवा माँ के साथ बहुत गरीबी में रहता है। वह गीत और लेख लिखकर जीविकोपार्जन करता है। अरुण अक्सर उसे पैसे से मदद करता है क्योंकि श्रीकांत बहुत बीमार हो जाता है और बाहर काम नहीं कर सकता।
जबकि चीजें इस तरह हैं, एक दिन अरुण अपने पिता से लड़ता है और अपना घर छोड़ने का फैसला करता है। वह कलकत्ता पहुँच जाता है। वह स्थानीय रेडियो में गायक के रूप में शामिल होता है और श्री माथुर (अशोक कुमार) के घर में ड्राइवर के रूप में काम करने लगता है। वह अपनी पहचान छिपाने के लिए संजय कुमार नाम का इस्तेमाल करता है। माथुर अपनी पोती सुमिता (सिम्पल कपाड़िया) के साथ रहते हैं। उन्होंने युद्ध में अपने बेटे को खो दिया है और अपनी बहू और पोते के ठिकाने का पता नहीं लगा सके हैं, जिनके लिए वह लगातार खोजने का प्रयास करते हैं। अरुण, सुमिता के करीब आ जाता है। सुमिता संजय कुमार की प्रशंसा करती है बिना यह जाने कि वह और अरुण एक ही हैं। माथुर को पता चलता है कि अरुण उनके दोस्त चौधरी का भागा हुआ बेटा है और उन्हें अरुण के ठिकाने के बारे में बता देते हैं।
इस बीच, श्रीकांत गंभीर रूप से बीमार हो जाता है और डॉक्टर इसे अंतिम चरण का तपेदिक घोषित करते हैं। उसकी माँ उसके साथ कलकत्ता आती हैं। श्रीकांत को इस तरह देख कर अरुण चौंक जाता है और कैसे भी उसे बचाने की कसम खाता है। वह एक स्टेज शो आयोजित करने का फैसला करता है, हालांकि वह अंतिम मिनट तक ऐसा नहीं करने की ही सोचता रहता है। वह मंच पर गाता है और ऑपरेशन के लिए पर्याप्त पैसा कमाता है। सर्जन श्रीकांत की मां को माथुर की खोई हुई बहू के रूप में पहचान लेता है और उन्हें बताता है। श्रीकांत का ऑपरेशन सफल हो जाता है और वह अपने दादा के साथ फिर से मिल जाता है। अरुण के माता-पिता यह देखने के लिए कलकत्ता आते हैं कि उनका बेटा कैसे प्रसिद्ध हुआ। उसके पिता की गायन के बारे में राय बदल जाती है। आखिर में सभी की सुलह हो जाती है और सुमिता और अरुण की शादी हो जाती है।
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मुख्य कलाकार
- राजेश खन्ना — अरुण चौधरी / संजय कुमार
- विनोद मेहरा — श्रीकांत
- सिम्पल कपाड़िया — सुमिता माथुर
- उत्पल दत्त — आर॰ के॰ चौधरी
- रीटा भादुड़ी — अंजू
- अशोक कुमार — माथुर
- असरानी — बिशन सिंह
- निरूपा रॉय — राधा माथुर
- दीना पाठक — सुषमा चौधरी
- अभि भट्टाचार्य — डा॰ सेन
- प्रीति गाँगुली — मनजीत सिंह
- असित सेन — सक्सेना
संगीत
सभी गीत आनंद बख्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
नामांकन और पुरस्कार
बाहरी कड़ियाँ
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