गया। अपने मौलिक चिंतन से हाइजेनबर्ग ने ने अनिश्चितताकासिद्धांत(Uncertainty principle) प्र्स्तुत किया।इस सिद्धांत को उन्होंने इस प्रकार बताया: यह पता कैसे
अनिश्चितता एक ऐसी स्थिति है जिसमें अधूरे या अपरिचित जानकारी जुड़ी होती है। यह भविष्य की बातों को भाँप लेने, किसी मापन में प्रयोग करने या किसी अज्ञात विषय
करते हैं। इस संबंध में हाइजेनवेर्ख (Heisenberg) ने अनिश्चितताकासिद्धांत प्रतिपादित किया है। इस सिद्धांत के अनुसार संवेग और स्थिति, दोनों एक साथ बिलकुल ठीक
ब्रॉई को १९२९ में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया। १९२७ में जर्मन वैज्ञानिक वॅर्नर हाइज़ॅनबर्ग ने अपना अनिश्चिततासिद्धान्त प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने