शीर्ष प्रश्न
समयरेखा
चैट
परिप्रेक्ष्य
अंग्रेज शासकों की सूची
विकिमीडिया सूची लेख विकिपीडिया से, मुक्त विश्वकोश
Remove ads
Remove ads
इंग्लैण्ड रियासत में राजतंत्र की शुरुवात अल्फ्रेड महान और समाप्ति महारानी ऐन, ग्रेट ब्रिटेन की महारानी से हुई जब वो १७०७ में इंग्लैंड की राजशाही के स्कॉटलैंड की राजशाही से विलय के बाद बने ग्रेट ब्रिटेन राजशाही की महारानी बनीं। महारानी ऐन के बाद के शासकों के लिये देखें ब्रिटेन के शासक।


हालांकि कुछ इतिहासकारा कुछ अन्य राजाओं को भी इंग्लैंड का पहला राजा मानने का तर्क देते हैं जो आंग्ल-सैक्सनों के राज्यों पर नियंत्रण रखने का माद्दा व चाहत रखते थे। उदाहरण के तौर पर, ओफ्फा, मर्सिया का राजा और वेसेक्स का राजा एग्बर्ट को कभी-२ प्रसिध लेखकों द्वारा इंग्लैंड के राजा के रूप में निरूपित किया जाता है। लेकिन हर इतिहासकार इससे सहमत भी नहीं हैं। आठवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में ओफ़्फा ने दक्षिणी इंग्लैंड पर आधिपत्य हासिल कर अलिया था लेकिन ये राज ७९६ ई॰ में उसकी मृत्यु के पहले ही खत्म हो गया।८२९ ई॰ में एग्बर्ट ने मर्सिया पर अधिकार कर लिया लेकिन जल्द ही इसे गँवा भी दिया। नवीं शताब्दी के अंत तक वेसेक्स सबसे प्रभावशाली आंग्ल-सैक्सन अधिराज्य था। इसका राजा अल्फ्रेड महान पश्चिमी मर्सिया का एक शक्तिशाली सामंत था। वह अपने लिये आंग्ल और सैक्सनों का राजा की उपाधि का प्रयोग करता था लेकिन उसने कभी भी पूर्वी और उत्तरी इंग्लैंड पर शासन नहीं किया। उसके बेटे एडवर्ड द एल्डर ने पूर्वी डेनलॉ पर विजय हासिल की लेकिन एडवर्ड का बेटे ऍथेल्स्तन ९२७ ई में नॉर्थम्ब्रिया पर विजय हासिल करके पूरे इंग्लैंड पर शासन करने वाला पहला राजा बना। आधुनिक इतिहासकारों ऍथेल्स्तन को ही इंग्लैंड का पहला राजा मानते हैं।[1][2]
वेल्स की रियासत का इंग्लैंड के साम्राज्य में रुडलैन का स्टैचुएट के अंतर्गत १२८४ में विलय कर दिया गया और १३०१ में राजा एडवर्ड प्रथम ने अपने ज्येष्ठ पुत्र, भविष्य के राजा एडवर्ड द्वितीय को वेल्स का राजकुमार के तौर पर प्रतिष्ठित किया। तभी से एडवर्ड तृतीय के अलावा अंग्रेज अधीराटों के सभी बड़े बेटों ने यह पद हासिल किया है। १६०३ ई में एलिज़ाबेथ प्रथम की निसंतान मृत्यु के बाद इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के सिंहासनों का स्कॉटलैंड का जेम्स ६ के शासन में एक निजी एकीकरण कर दिया गया। शाही ऐलान के साथ जेम्स ने स्वयं को ग्रेट ब्रिटेन का राजा घोषित कर दिया लेकिन ग्रेट ब्रिटेन जैसे किसी भी साम्राज्य का कानूनी तौर पर निर्माण १७०७ तक नहीं हुआ था। महारानी ऐन के शासन काल में १७०७ में हुए विलय के अधिनियमों के बाद इंग्लैंड कानूनी तौर पर स्कॉटलैंड के साथ जुड़ गया और इस तरह ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का गठन हुआ। १८०१ में विलय के अधिनियम के तहत आयरलैंड राजशाही जो हेनरी द्वि॰ के समय से अंग्रेजी शासन के अधीन था ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम में शामिल हो गया और १९२२ में आयरिश मुक्त राज्य के बनने तक इसका हिस्सा रहा। चूंकि उत्तरी आयरलैंड यूके के साथ रहा इसलिये इसके बाद से इस अधिराज्य को यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड के नाम से जानते हैं।
Remove ads
वेसेक्स राजघराना
सारांश
परिप्रेक्ष्य
विवादित दावेदार
कुछ सबूत ९२४ ई॰ में अपने पिता और भाई ऍथेल्स्तन के शासन के बीच चार हफ्तों तक वेसेक्स के ऍल्फवीयर्ड (Ælfweard of Wessex के राजा होने की तरफ इशारा करते हैं। हालाँकि उसका राज्याभिषेक नहीं हुआ था। [5] वैसे सभी इतिहासकार इसे नहीं मानते हैं। यह भी विवादित है कि ऍल्फ्वियर्ड को पूरे इंग्लैंड का राजा घोषित किया गया था या सिर्फ वेसेक्स का: सबूतों के अनुसार जब अल्फ्रेड की मृत्यु हो गई तब ऍल्फवीयर्ड को वेसेक्स में और ऍथेल्स्तन को मर्सिया में राजा घोषित किया गया था।[6]
Remove ads
डेनमार्क राजघराना
ऍथलरेड द अनरेडी के शासन के बाद इंग्लैंड डैनिश राजाओं के शासन में आ गया।
वेसेक्स राजघराना (पहली बार पुन:स्थापित)
स्वेय्न फोर्कबीयर्ड की मृत्यु के बाद ऍथलरेड द अनरेडी एकांतवास से वापस आ गया और उसे एक बार फिर 3 फरवरी 1014 को राजा घोषित कर दिया गया। आंग्ल-सैक्सनों के शासन को एक बार उखाड़ फेंकने की डैनिश राजाओं की तमाम कोशिशों के बावजूद लंदन के नागरिकों के द्वारा चुने जाने पर उसके बेटे ने उसका उत्तराधिकार संभाला।[24]
डेनमार्क राजघराना (पुन:स्थापित)
असुन्दन के निर्णायक युद्ध के बाद 18 अक्टूबर 1016 को एडमंड आइरनसाइड ने कैनुट से एक संधि पर हस्ताक्षर किये जिसमें वेसेक्स को छोड़कर पूरा इंग्लैंड कैनुट के द्वारा शासित होना था।[26] एडमंड की 30 नवम्बर को मृत्यु के बाद कैनुट ने पूरे साम्राज्य पर शासन किया।
Remove ads
वेसेक्स राजघराना (पुन:स्थापित, दूसरी बार)
हार्थैक्नट के बाद 1042 और 1066 के बीच एक क्षणिक सैक्सन पुनरुत्थान आया था:
Remove ads
नॉर्मैंडी राजघराना
सारांश
परिप्रेक्ष्य
सन् १०६६ में रोल्लो के वंशज, नॉर्मैंडी के ड्यूक और नॉर्मैंडी राजघराने के संस्थापक, फ्रांस के राजा के अधीन जागीदार और पापमोचक गुरु एडवर्ड के संबंधी विलियम प्रथम ने इंग्लैंड पर धावा बोला और जीत लिया और निवर्तमान राजधानी विन्चेस्टर से हटाकर लंदन में कर दी। राजा हैरॉल्ड द्वितीय की मृत्यु के बाद हुए एक निर्णायक हैस्टिंग युद्ध ने 14 अक्टूबर को आंग्ल-सैक्सन विट्नैगेमोट ने हैरॉल्ड के स्थान पर एड्गर द एथलिंग को राजा चुना लेकिन एडगर कभी भी शासन की रक्षा नहीं कर पाया और उसका राज्याभिषेक भी नहीं हुआ। १०६६ में क्रिसमस के दिन वेस्टमिंस्टर ऐबी में विलियम का इंग्लैंड के राजा विलियम प्रथम के रूप में राज्याभिषेक किया गया। विलियम को आज के युग में विलियम द कॉनकरर यानि "विजयी विलियम" या विलियम प्रथम या विलियम द बास्टर्ड यानि "विलियम हरामी" के नाम से भी जाना जाता है।
Remove ads
ब्लोइस राजघराना
सारांश
परिप्रेक्ष्य
विवादित दावेदार
साम्राज्ञी मटिल्डा को उनके भाई व्हाइट शिप की मृत्यु के बाद अपने पिता हेनरी प्रथम द्वारा अपना उत्तराधिकारी घोषित किया गया। हालांकि हेनरी की मृत्यु के बाद सिहांसन पर मटिल्डा के चचेरे भाई, ब्लोइस के स्टीफन ने कब्ज़ा कर लिया। परिणामस्वरूप देश में अराजकता फैल गई और ११४१ में कुछ महीनों के लिये मटिल्डा ही देश की वास्तविक और पहली महिला शासक रहीं लेकिन चूंकि कभी भी उनका राज्याभिषेक नहीं हो पाया इसलिये उन्हें इंग्लैंड के सम्राटों में नहीं गिना जाता है।[34]
बोलोग्न का काउंट युस्टेस चतुर्थ (c. 1130 – 17 अगस्त 1153) को पिता स्टीफन द्वारा ६ अप्रैल ११५२ को इंग्लैंड का सह-राजा नियुक्त किया गया। स्टीफन इंग्लैंड पर युस्टेस का उत्तराधिकार सुनिश्चित करना चाहता था। हालांकि पोप और गिरिजाघर इससे एकमत नहीं थे और युस्टेस का राज्याभिषेक नहीं हुआ। युस्टेस अपने पिता के शासनकाल के दौरान ही २२ वर्ष की उम्र में ही मर गया और कभी भी इंग्लैंड का राजा नहीं बन पाया।[36]
Remove ads
ऐंजो राजघराना
सारांश
परिप्रेक्ष्य
वैलिंगफोर्ड की संधि से स्टीफन ने नवम्बर 1153 में मटिल्डा के साथ एक करार किय जिसमें उसने मटिल्डा के पुत्र हेनरी २, इंग्लैंड का राजा। को अपने अगस्त में दिवंगत हुए अपने पुत्र के स्थान पर सिंहासन का उत्तराधिकारी स्वीकार कर लिया।
ऐंगेवियनों ने ऐंगेवियन साम्राज्य पर बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी में राज किया था। यह साम्राज्य पाइरेनीज़ से आयरलैंड तक फैला हुआ था। इंग्लैंड के राजा जॉन के हाथों अपनी अधिकतर महाद्वीपीय जमीनी ताकत गंवाने से पहले तक ऐंगेवियाई इंग्लैंड को अपना प्राथमिक आवास नहीं मानते थे। ऐंगेवियाई राजवंश ज्यादा दिनों तक तो नहीं चला लेकिन हालांकि इनके पुरुष वंशजों में प्लैन्टैगेनेट का राजघराना, लंकास्टर और यॉर्क राजघराने शामिल थे।
एंग्वियाईयों ने इंग्लैंड के उस शाही कुल-चिह्न की आधारशिला रखी जिनमें इनके या इनके वंशजों द्वारा विजित या दावेदारी किये हुए साम्राज्यों (आयरलैंड के अलावा) के चिह्न शामिल होते थे। एडवर्ड तृतीय के अपनाए जाने के बाद से देउ ए मों द्वा (Dieu et mon droit) अंग्रेज शासकों का ध्येय वाक्य होता था,[37] लेकिन इसे पहली बार रिचर्ड प्रथम ११९८ ई. में सिंहनाद के रूप में गिसोर्स के युद्ध में तब इस्तेमाल किया गया था जब उसने फिलिप २ की सेनाओं को हरा दिया। इसके बाद से उसने इसे अपना ध्येय वाक्य बना लिया।[37][38]
विवादित दावेदार
फ्राँस के लुईस अष्टम ने इंग्लैंड पर 1216 से 1217 तक राजा जॉन के खिलाफ़ लड़े गये बैरों के प्रथम युद्ध के बाद कुछ समय तक शासन किया। लंदन की ओर जाते हुए उसका विद्रोही अंग्रेज बैरों और नागरिकों द्वारा स्वागत किया गया और सेंट पॉल कैथेड्रल में राजा घोषित किया गया। हालांकि उसका राज्याभिषेक नहीं हुआ था। कई कुलीन लोग जिनमें स्कॉटलैंड के राजा एलेक्ज़ेंडर द्वितीय भी थे ने सिंहासन पर काबिज होने के इस समारोह में उसे आदर देने के लिये उपस्थित थे। हालांकि १२७७ ई॰ में लैम्बेथ की संधि पर हस्ताक्षर करने के बाद उसने यह मान लिया की वो कभी भी इंग्लैंड का जायज़ राजा नहीं था।
Remove ads
प्लैन्टागेनेट का राजघराना
सारांश
परिप्रेक्ष्य
प्लैन्टागेनेट का राजघराने की शुरुवात इंग्लैंड के हेनरी द्वितीय के शासनकाल से हुई थी। हालांकि कुछ इतिहासकार प्लैन्टागेनेटों को हेनरी तृतीय के समय से मानते हैं जब इन शासकों के व्यवहार में और अंग्रेजियत आ गई थी। लकांस्टर और यॉर्क के राजघराने इसी की शाखाएँ हैं।
लंकास्टर राजघराना
यह राजघराना एडवर्ड तृतीय के बचे हुए पुत्र गांट का जॉन, लंकास्टर का पहला ड्यूक से शुरु होता है। हेनरी चतुर्थ ने रिचर्ड द्वितीय से सत्ता छीन ली और उत्तराधिकार की पंक्ति में अगले एडमंड मोर्तीमर (उम्र ७) जो एडवर्ड तृतीय के दूसरे पुत्र एंटवर्प के लियोनेल का वंशज था को हटा दिया।
यॉर्क राजघराना
यॉर्क राजघराने ने अपना नाम एडवर्ड तृतीय के जीवित बचे हुए पुत्र लैंग्ले का एडमंड, यॉर्क का पहला ड्यूक से लिया था, लेकिन उसे सिंहासन पर उत्तराधिकार एडवर्ड तृतीय के दूसरे जीवित बचे हुए पुत्र लॉयनेल से मिला।
गुलाबों के युद्ध (1455–1485) से सिंहासन लंकास्टर और यॉर्क राजघरानों के बीचा आता जाता रहा।
लंकास्टर राजघराना (पुन:स्थापित)
यॉर्क राजघराना (पुन:स्थापित)
Remove ads
ट्यूडर राजवंश
सारांश
परिप्रेक्ष्य
ट्यूडर वंश, माँ के घर की ओर से जॉन बेउफोर्ट के वंशज थे जो कि एडवर्ड तृतीय के तीसरे बचे हुए बेटे गौंट के जॉन की एक नाजायज़ संतान था। उसकी माँ कैथरीन स्विनफोर्ड, गौंट की लंबे समय तक सेविका रही थीं। सामान्यत: अंग्रेज शासकों या उत्तराधिकारियों की नाजायज़ संतानों के वंशजों का अंग्रेजी सिंहासन पर कोई दावा नहीं हो सकता था। लेकिन यह परिस्थिति तब विकट हो गई जब गौंट और कैथरीन ने जॉन बेउफोर्ट के जन्म के पच्चीस साल बाद १३९६ ई॰ में शादी कर ली। इस विवाह के मद्देनज़र शीर्ष गिरिजाघर ने बेउफोर्ट को जायज़ घोषित कर दिया। उस समय गौंट के जॉन के जायज़ बेटे और उत्तराधिकारी राजा हेनरी चतुर्थ ने भी बेउफोर्ट को जायज़ स्वीकार कर लिया, लेकिन उसे या उसके वंशजों को सिंहासन पर उत्तराधिकार से वंचित घोषित किया। इस के बावजूद, बेउफोर्ट और उसके वंशज गौंट के अन्य वंशजों यानि शाही लंकास्टरों के करीबी रहे।
जॉन बेउफोर्ट की पोती लेडी मार्गरेट बेउफोर्ट का विवाह एडमंड ट्यूडर से हुआ। ट्यूडर वेल्स दरबारी ओवैन ट्यूडर और लंकास्ट्रियाई राजा हेनरी पंचम की विधवा वैलोईस की कैथरीन का बेटा था। एडमंड ट्यूडर या तो नाज़ायज थे या तो फिर किसी गुप्त विवाह के परिणामस्वरूप उतपन्न हुए थे। उनका भाग्य उनके जायज सौतेले भाई इंग्लैंड के राजा हेनरी षष्टम के उनके प्रति व्यवहार पर निर्भर था। जब लंकास्टर राजघराना सत्ता से बाहर हो गया तो ट्यूडरों ने सिंहासन संभाल लिया। पंद्रहवीं सदी के अंत तक लंकास्टर समर्थकों के लिये ट्यूडर अंतिम उम्मीद थे। गुलाबों के युद्ध का १४८५ ई॰ अंत करते हुए बोस्वोर्थ फील्ड के युद्ध में रिचर्ड तृतीय को हराने के बाद एडमंड ट्यूडर का बेटा हेनरी सप्तम इंग्लैंड का राजा बना। नए राजा, हेनरी ने एडवर्ड चतुर्थ की बेटी यॉर्क की एलिज़ाबेथ से विवाह कर के लंकास्टरों और यॉर्कों के वंशवृक्ष को मिला दिया और ट्यूडर राजवंश की नींव पड़ी।
हेनरी अष्टम के रोमन कैथोलिक गिरिजाघर से अलगाव के बाद इंग्लैंड और आयरलैंड के संप्रभु और इंग्लैंड की कलीसिया के सर्वोच्च प्रमुख हो गए। एलिज़ाबेथ प्रथम के समय से इस पद को चर्च ऑफ़ इंग्लैंड का सुप्रीम गवर्नर कहा जाने लगा।
विवादित दावेदार
संसद द्वारा पारित तीसरा उत्तराधिकार कानून अमान्य करते हुए एडवर्ड षष्ठ ने लेडी जेन ग्रे को अपना प्रकल्पित उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। उसने संसद द्वारा पारित तीसरा उत्तराधिकार अधिनियम अमान्य कर दिया। एडवर्ड की मृत्यु के चार दिन बाद 6 जुलाई 1553 को जेन को रानी घोषित कर दिया गया लेकिन इस घोषणा के नौ दिन बाद ही, 19 जुलाई को परामर्श समिति ने अपनी वफादारी बदलते हुए एडवर्ड की सौतेली बहन कैथोलिक विचारधारा वाली मैरी को रानी घोषित कर दिया। जेन को १६ वर्ष की उम्र में ही सन् १५५४ में मृत्युदंड दे दिया गया। कई इतिहासकार उसे इंग्लैंड की जायज़ रानी या शासक नहीं मानते हैं।

नेपल्स के फ़िलिप प्रथम (15 जनवरी 1556 से फ्रांस के फ़िलिप द्वितीय) और रानी मैरी प्रथम की विवाह संधि के अनुसार जब तक दोनों विवाहित रहते, फ़िलिप को रानी की सभी उपाधियाँ साझा रूप से मिलनी थीं। संसद के कानूनों सहित सभी शाही दस्तावेज उन दोनों के नाम के साथ लिखे व हस्ताक्षरित होने थे। साथ ही संसद पर दोनों का एकसमान अधिकार होना था। संसद में पारित एक कानून ने उसे राजा की उपाधि दी और उसे साम्राज्य में रानी के साथ-साथ सह-शासन करने की अनुमति दी। [47][48] चूंकि इंग्लैंड के नए राजा अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते थे इसलिये सभी आधिकारिक दस्तावेजों की एक लैटिन या फ्रेंच प्रति बनाने की व्यवस्था की गई।[48][49][50] राजमुद्रा के सिक्कों पर मैरी और फिलिप दोनों के सिर मुद्रित किये गये और दोनों का सह-शासन प्रदर्षित करने के लिये इंग्लैंड के कुल चिह्न पर दाहिनी तरफ फ़िलिप का कुल चिह्न मुद्रित किया गया।[51][52] इंग्लैंड और आयरलैंड में फ़िलिप के शाही अधिकारों को चुनौती देने वाले किसी भी कार्य को उच्चतम देशद्रोह का दर्ज़ा देने वाला कानून पारित कर दिया गया।[53] 1555 में, पोप पॉल चतुर्थ ने एक पैपल बुल (विज्ञप्ति) जारी करके फिलिप और मैरी को इंग्लैंड व आयरलैंड का जायज़ शासक घोषित कर दिया।
Remove ads
स्टुअर्ट राजघराना
सारांश
परिप्रेक्ष्य
१६०३ में एलिज़ाबेथ प्रथम के नि:संतान मृत्यु होने के बाद उनके रिश्ते के भाई व स्कॉटों के राजा जेम्स ६ ने मुकुटों की संधि के उपरान्त इंग्लैंड के जेम्स प्रथम ले रूप में अंग्रेजी सिंहासन की कमान संभाली। जेम्स ट्यूडरों के वंशज थे। हेनरी ८ की बड़ी बहन मार्गरेट ट्यूडर उनकी पर-नानी (नानी की सास) थीं। १६०४ में उन्होंने [King of Great Britain] ग्रेट ब्रिटेन का राजा नामक उपाधि धारण कर ली। हालांकि १७०७ में विलय का कानून पारित होने तक दोनों संसदें अलग -अलग कार्य करती रहीं।[54]
कॉमनवेल्थ
चार्ल्स १ की 1649 में हत्या के बाद से 1660 में चार्ल्स २ के पुनर्स्थापन तक इंग्लैंड पर किसी ने शासन नहीं किया। 1653 से निम्नलिखित लोगों ने लॉर्ड प्रोटेक्टर संरक्षक शासक की उपाधि के अंतर्गत राजकाज संभाला। इस काल को द प्रोटेक्टोरेट कहते हैं।
स्टुअर्ट राजघराना (वापसी)
हालांकि शासन 1660 में ही स्थापित हो गया था १६८८ के गौरवशाली क्रांति (ग्लोरियस रिवोल्युशन) से पहले तक स्थिरिता नहीं आ पायी जब संसद ने रोमन कैथोलिकों के सत्ता ग्रहण करने पर प्रतिबंध लगा दिया।[उद्धरण चाहिए]
विलय का अधिनियम
विलय के अधिनियमों १७०६-०७ में इंग्लैंड की संसद और स्कॉटलैंड की संसद द्वारा पारित हुए संसदीय अधिनियम का युगल या मिश्रण थे। इनके तहत 22 जुलाई 1706 से एकीकरण की संधि के प्रभावी होने को मान्यता दी गई थी। इन अहिनीयमों ने अंग्रेजी और स्कॉटियाई राजशाहियों, जो कि पहले अलग-अलग स्वतंत्र राज्य थे को अलग संसदीय व्यवस्था के साथ साथ एक ही शासक के अंतर्गत ग्रेट ब्रिटेन राजशाही के अंतर्गत ला दिया।[63]
१६०३ में हुए मुकुटों के एकीकरण जिसमें राजा जेम्स षष्ठ् ने एलिज़ाबेथ प्रथम के बाद अंग्रेजी व आयरिश शासन अपने नियंत्रण में ले लिया था, के बाद से इंग्लैंड, स्कॉटलैंड व आयरलैंड का १०० से भी ज्यादा वर्षों से एक ही शासक होता था। वैसे तो इसका नाम मुकुटों का एकीकरण था, लेकिन वास्तव में इंग्लैंड व स्कॉटलैंड दोनों के दो मुकुट होते थे जो एक ही शासक राजा पहनता था। १७०७ के बाद जा कर यह एक राज्य और एक मुकुट हुआ। इसके पहले स्कॉटलैंड व इंग्लैंड को एक करने के असफल प्रयास १६०६, १६६७, और १६८९ में संसदीय कानूनों के तहत हो चुके थे लेकिन ये सफल १७०७ में ही हुए जब दोनों ही संसदों ने सैद्धांतिक रूप में इसे अपनी मंजूरी दे दी।
१७०७ के बाद के शासकों के लिये देखें, ब्रिटेन के शासक।
अंग्रेज शासकों का शासनकाल

उपाधियाँ
सारांश
परिप्रेक्ष्य
ऍथेल्स्तन से लेकर राजा जॉन तक सभी अंग्रेज शासकों की पुकार शैली Rex Anglorum ("किंग ऑफ़ द इंग्लिश") थी। इसके अलावा कई अन्य नॉर्मन पूर्व राजाओं की अन्य उपाधियाँ व शैलियाँ भी थीं। जैसे की:
- ऍथेल्स्तन: Rex totius Britanniae ("किंग ऑफ़ द होल ऑफ़ ब्रिटेन")
- एडमंड द मैग्नीफिसेंट: Rex Britanniæ ("किंग ऑफ़ ब्रिटेन") और Rex Anglorum cæterarumque gentium gobernator et rector ("किंग ऑफ़ द इंग्लिश एंड ऑफ अदर पीपल्स गवर्नर एंड डाएरेक्टर")
- एडरेड: Regis qui regimina regnorum Angulsaxna, Norþhymbra, Paganorum, Brettonumque ("राइनिंग ओवर द गवर्न्मेंट्स ऑफ़ द ऐंग्लो-सैक्सन्स, नॉर्थम्ब्रियन्स, पागन्स, ऐंड ब्रिटिश")
- एडविग द फेयर: Rex nutu Dei Angulsæxna et Northanhumbrorum imperator paganorum gubernator Breotonumque propugnator ("किंग बाई द विल ऑफ़ गॉड, एम्परर ऑफ़ द ऐंग्लो-सैक्सन्स ऐंड नॉर्थम्ब्रियन्स, गवर्नर ऑफ़ द पागन्स, कमांडर ऑफ़ द ब्रिटिश")
- शांतिदूत एडगर: Totius Albionis finitimorumque regum basileus ("ऑटोक्रट ऑफ़ ऑल अल्बियन ऐंड इट्स नेबरिंग रियाल्म्स")
- कैनुट महान: Rex Anglorum totiusque Brittannice orbis gubernator et rector ("Kकिंग ऑफ़ द इंग्लिश ऐंड ऑफ़ ऑल द ब्रिटिश स्फीयर गवर्नर ऐंड डायरेक्टर") और Brytannie totius Anglorum monarchus ("मोनार्च ऑफ़ ऑल द इंग्लिश ऑफ़ ब्रिटेन")
नॉर्मन युग में Rex Anglorum रेक्स ऐंग्लोरम मानक था और Rex Anglie ("किंग ऑफ़ इंग्लैंड") को कभी-२ प्रयोग किया जाता था। साम्राज्ञी मटिल्डा ने स्वयं को Domina Anglorum ("लेडी ऑफ़ द इंग्लिश") की उपाधि दे रखी थी।
राजा जॉन के बाद से Rex या Regina Anglie के साथ अन्य उपाधियाँ भी जुड़ीं।
१६०४ में जेम्स प्रथम, जो पिछले साल ही अंग्रेजी सिंहासन पर आसीन हुआ था ने किंग ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन यानी ग्रेट ब्रिटेन का राजा की उपाधि धारण की। हांलाकि अंग्रेज व स्कॉटिश संसदों ने महारानी ऐन के अंतर्गत १७०७ के एकीकरण के कानून के अम्ल में आने से पहले तक इस उपाधि को मान्यता नहीं दी। [64]
इन्हें भी देखें
- अंग्रेज शासकों का वंशवृक्ष
- ब्रिटिश सिंहासन की उत्तराधिकार पंक्ति (लोगों की सूची)
- ब्रिटिश शासकों की सूची
- स्कॉटिश शासकों की सूची
- आइरिश शासकों की सूची
- वेल्स के शासकों की सूची
टिप्पणियाँ
बाहरी कड़ियाँ
Wikiwand - on
Seamless Wikipedia browsing. On steroids.
Remove ads