1986 एशियाई खेल
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दसवें एशियाई खेल २० सितम्बर से ५ अक्टूबर, १९८६ के बीच सियोल, दक्षिण कोरिया में आयोजित कराए गए थे। इस नगर ने १९७० में इन खेलों का आयोजन करना था लेकिन, उत्तर कोरिया से मिली धमकियों के चलते इन्हें टालना पड़ा और तब बैंकाक ने उन खेलों की मेज़बानी की थी। इन खेलों के लिए बनाए गए खेलस्थल और सुविधाएँ वही थे जिनका १९८८ ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में उपयोग किया गया क्योंकि इन खेलों को परीक्षण खेलों के रूप में माना गया।
दसवें एशियाई खेल | |
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मेजबान शहर | सियोल, दक्षिण कोरिया |
प्रतिभागी देश | ३३ |
खिलाड़ी | ४,८३९ |
स्पर्धाएँ | २५ क्रीड़ाएँ |
उद्घाटन समारोह | २० सितम्बर |
समापन समारोह | ५ अक्टूबर |
आधिकारिक उद्घाटन | राष्ट्रपति चुन दो-ह्वान |
खिलाड़ी शपथ | - |
मशाल जलाने वाला | चेंग जेई गुएन |
मुख्य आयोजक | ओलम्पिक स्टेडियम |
कुल मिलाकर २७ देशों से ४,८३९ खिलाड़ियों ने इन खेलों में भाग लिया और २५ प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा की। पहली बार इन खेलों में जूडो, ताक्वाण्डो, महिला साइक्लिंग और महिला शूटिंग लाए गए। ८३ एशियाई और ३ विश्व कीर्तिमान तोड़े गए।
हैमर फैंकने वाले जापान के शिगेनोबु मुरोफुशी ने लगातार पाँचवी बार (१९७०-१९८६) स्वर्ण पदक जीता। पर इन खेलों का सितारा रही भारत की पय्योली एक्स्प्रेस - पी॰ टी॰ उषा जिन्होंने कुल चार स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीते और एथलेटिक्स में स्वर्ण जीतने वाली सबसे बड़ी विजेता बनीं।
सियोल एशियाड से दक्षिण कोरिया में खेल संस्कृति का भी आगमन हुआ। सियोल एशियाड की पदक तालिका में दक्षिण कोरिया, जापान को हटा कर बहुत निकटता से चीन के बाद दूसरे स्थान पर रहा। इन खेलों के बाद से अब तक के एशियाई खेलों में चीन और दक्षिण कोरिया सभी एशियाई खेलों में, केवल हिरोशिमा में आयोजित १९९४ एशियाई खेलों को छोड़कर, प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहे हैं।
मुख्यभूमि चीन को छोड़कर, सभी समाजवादी देशों ने, जिनमें उत्तर कोरिया भी था, इन खेलों का राजनीतिक कारणों से बहिष्कार किया था। एक जासूस ने खेलों से कुछ दिन पूर्व गिम्पो अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक वेण्डिंग मशीन के पीछे एक बम विस्फोट कर दिया जिससे ५ लोग मारे गए, जिनमे एक तकनीशियन भी था।