हुसैन सागर
हुस्सैन सगर् / From Wikipedia, the free encyclopedia
हुसैन सागर, तेलंगाना, भारत में एक कृत्रिम झील है जो हैदराबाद में है।[1] यह मूसी नदी की सहायक नदी पर १५६२ में निर्मित किया गया। 1992 में गौतम बुद्ध की एक बड़ी अखंड मूर्ति, झील के बीच में एक टापू पे खडी की गई। यह हैदराबाद को अपने जुड़वां नगर सिकंदराबाद से अलग करती है।[2]
हुसैन सागर | |
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स्थान | हैदराबाद, तेलंगाना, भारत |
निर्देशांक | 17.45°N 78.5°E / 17.45; 78.5 |
प्रकार | जलाशय |
द्रोणी देश | भारत |
अधिकतम लम्बाई | 3.2 कि॰मी॰ (2.0 मील) |
अधिकतम चौड़ाई | 2.8 कि॰मी॰ (1.7 मील) |
सतही क्षेत्रफल | 4.4 कि॰मी2 (2 वर्ग मील) |
अधिकतम गहराई | 32 फीट (9.8 मी॰)* |
सतही ऊँचाई | 1,759 फीट (536 मी॰)* |
द्वीप | जिब्राल्टर रॉक |
बस्तियाँ | हैदराबाद |
हैदराबाद के छटवें निज़ाम महबूब अली खान ने तेलुगु और उर्दू भाषा में कई कविताएं लिखीं; जिनमें से कुछ इसकी दीवारों पर अंकित हैं। हैदराबाद के भूगोल और इतिहास में हुसैन सागर झील का विशेष महत्व है। इस मानव निर्मित झील को हजरत हुसैन शाह वली ने 1562 में बनवाया था। यह झील मूसी नदी की एक सहायक नदी पर बनी है। इस झील को बनाने का मूल उद्देश्य शहर को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना था। इस झील की खासियत यह है कि यहां वर्ष भर पानी रहता है और साथ ही यह हैदराबाद और सिकंदराबाद को जोड़ने का भी काम करती है। झील के चारों ओर प्रसिद्ध नेकलेस रोड है जो रात में किसी हार में लगे हीरे की तरह चमचमाता है। नेकलेस रोड के बीच में बने हुसैन सागर से रात के समय यहां का नाजारा देखने लायक होता है। 1992 में झील के बीच में भगवान बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा खड़ी की गई।