हिजरत
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हिज्राह या हिजरत (Hegira or Hijrah (अरबी: هِجْرَة) हज़रत मुहम्मद ﷺ का अपने अनुयाइयों (सहाबा) के साथ, शहर मक्का से शहर मदीना जिस का पुराना नाम यथ़रिब था, को सन ६२२ ई में प्रवास है। [1] जून, 622 ई में, शहर मक्का में हज़रत मुहम्मद ﷺ को पता चला कि उनकी हत्या का प्रयास किया जा रहा है, इस सन्दर्भ में, शहर मक्का छोड़ कर यथ़रिब (मदीना) प्रवास किए। इनके साथ इनके दोस्त और सहाबी अबू बक्र भी थे। [2] यस्रिब को 'मदीनत-अन-नबी' का नाम दिया गया। अर्थात प्रेशित का नगर। बाद में अन-नबी बोलना कम होगया, सिर्फ मदीना कहलाने लगा। मदीना क मतलब "शहर" है। [3]
हिजरी और हिज्राह में अन्तर है, अक्सर यह दोनों शब्दों को लेकर एक ही शब्द समझ जाते हैम, जब कि ऐसा नहीं है, दोनों अलग अलग शब्द हैं। हिज्री इस्लामी कालदर्शक है, तो हिज्रत हज़रत मुहम्मद का मदीना को सफ़र करना है।