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स्टेल्थ तकनीक
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स्टेल्थ तकनीक (अंग्रेज़ी: stealth technology) या जिसे एलओ तकनीक (अंग्रेज़ी: low observable technology) भी कहते हैं, सैन्य योजनाओं का एक प्रकार है[1] जिसमे व्यक्तियों, विमानों, जहाजों, पनडुब्बियों और क्षेप्नास्त्रों को कई तकनीकों का उपयोग करके उन्हें रडार, इन्फ्रारेड, सोनार और अन्य पकड़ने वाले तरीकों से लगभग अदृश्य बनाया जाता है।[2]
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इसका विकास कार्य अमेरिका में १९५८ में हुआ[3][4] जहां यु2 टोही विमानों को शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ के रडारों पर न दिखने के प्रयास असफल रहे।[5]