सिन्धी भाषा
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सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से सिन्ध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। यह सिन्धी हिन्दू समुदाय(समाज) की मातृ-भाषा है। गुजरात के कच्छ जिले में सिन्धी बोली जाती है और वहाँ इस भाषा को 'कच्छी भाषा' कहते हैं। इसका सम्बन्ध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है जिसमें संस्कृत समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती भाषाएँ शामिल हैं। अनेक मान्य विद्वानों के मतानुसार, आधुनिक भारतीय भाषाओं में, सिन्धी, बोली के रूप में संस्कृत के सर्वाधिक निकट है। सिन्धी के लगभग 70 प्रतिशत शब्द संस्कृत मूल के हैं।
सिन्धी | ||
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सिन्धी سنڌي | ||
बोली जाती है | सिन्ध , ( कच्छ-गुजरात , महाराष्ट्र , मध्यप्रदेश , उत्तरप्रदेश , राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में जहाँ सिंधी हिंदू समाज लोग रहते हैं। ) | |
कुल बोलने वाले | २.५ करोड़ | |
भाषा परिवार | हिन्द-यूरोपीय
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लेखन प्रणाली | नस्तालिक(अरबी लिपि) , देवनागरी , खुदाबादी | |
आधिकारिक स्तर | ||
आधिकारिक भाषा घोषित | भारत , पाकिस्तान | |
नियामक | कोई आधिकारिक नियमन नहीं | |
भाषा कूट | ||
ISO 639-1 | sd | |
ISO 639-2 | snd | |
ISO 639-3 | snd | |
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सिन्धी भाषा सिन्ध प्रदेश की आधुनिक भारतीय-आर्य भाषा है जिसका सम्बन्ध पैशाची नाम की प्राकृत और व्राचड नाम की अपभ्रंश से जोड़ा जाता है। इन दोनों नामों से विदित होता है कि सिंधी के मूल में अनार्य तत्व पहले से विद्यमान थे, भले ही वे आर्य प्रभावों के कारण गौण हो गए हों। सिन्धी के पश्चिम में बलोची, उत्तर में लहँदी, पूर्व में मारवाड़ी और दक्षिण में गुजराती का क्षेत्र है। यह बात उल्लेखनीय है कि इस्लामी शासनकाल में सिन्ध और मुलतान (लहँदीभाषी) एक प्रान्त रहा है और 1843 से 1936 ई. तक सिन्ध, बम्बई प्रांत का एक भाग होने के नाते गुजराती के विशेष सम्पर्क में रहा है।
पाकिस्तान में सिन्धी भाषा नस्तालिक (यानि अरबी लिपि) में लिखी जाती है जबकि भारत में इसके लिये देवनागरी और नस्तालिक दोनो प्रयोग किये जाते हैं।