सानिया मिर्ज़ा
भारतीय टेनिस खिलाड़ी / From Wikipedia, the free encyclopedia
सानिया मिर्ज़ा (उर्दू: ثانیہ مرزا, तेलुगू: సాన్యా మీర్జా, जन्म: 15 नवम्बर 1986, मुंबई ,महाराष्ट्र) भारत की एक टेनिस खिलाड़ी हैं। 2003 से 2013 में लगातार एक दशक तक उन्होने महिला टेनिस संघ (डब्ल्यू टी ए) के एकल और डबल में शीर्ष भारतीय टेनिस खिलाड़ी के रूप में अपना स्थान बनाए रखने में सफल रही और उसके बाद एकल प्रतियोगिता से उनकी सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष स्थान पर अंकिता रैना विराजमान हुई। मात्र 18 वर्ष की आयु में वैश्विक स्तर पर चर्चित होने वाली इस खिलाड़ी को 2006 में 'पद्मश्री' सम्मान प्रदान किया गया। वे यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी है। उन्हें 2006 में अमेरिका में विश्व की टेनिस की दिग्गज हस्तियों के बीच डब्लूटीए का 'मोस्ट इम्प्रेसिव न्यू कमर एवार्ड' प्रदान किया गया था।[2] उन्होंने चार ओलंपिक में भाग लिया - 2008 बीजिंग, 2012 लंदन, 2016 रियो और 2020 टोक्यो में|[3]
देश | भारत | |
निवास | हैदराबाद दुबई, संयुक्त अरब अमीरात | |
जन्म | 15 नवम्बर 1980 (1980-11-15) (आयु 43) | |
जन्म स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र | |
कद | 1.73 मी॰ (5 फीट 8 इंच) | |
वज़न | 57 कि॰ग्राम (126 पौंड; 9 स्टोन 0 पौंड) | |
व्यवसायिक बना | 3 फ़रवरी 2003 | |
सन्यास लिया | सक्रिय | |
खेल शैली | दायें हाथ से; दोनों हाथों से बैकहैंड | |
व्यवसायिक पुरस्कार राशि | US$6,930,345[1] | |
एकल | ||
कैरियर रिकार्ड: | 271–161 | |
कैरियर उपाधियाँ: | 1 महिला टेनिस संघ (डब्ल्यू टी ए), 14 अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आई टी एफ) | |
सर्वोच्च वरीयता: | संख्या 27 (27 अगस्त 2007) | |
ग्रैंड स्लैम परिणाम | ||
ऑस्ट्रेलियाई ओपन | 3आर (2005, 2008) | |
फ़्रेंच ओपन | 2आर (2007, 2011) | |
विम्बलडन | 2आर (2005, 2007, 2008, 2009) | |
अमरीकी ओपन | 4आर (2005) | |
अन्य प्रतियोगितायें | ||
ओलम्पिक | 1आर (2008) | |
युगल | ||
कैरियर रिकार्ड: | 492–214 | |
कैरियर उपाधियाँ: | 41 डब्ल्यू टी ए, 4 आई टी एफ | |
सर्वोच्च वरीयता: | संख्या 1 (13 अप्रैल 2015) | |
ग्रैंड स्लैम युगल परिणाम | ||
ऑस्ट्रेलियाई ओपन | डब्ल्यू (2016) | |
फ़्रेंच ओपन | एफ (2011) | |
ऑस्ट्रेलियाई ओपन | डब्ल्यू (2015) | |
अमरीकी ओपन | डब्ल्यू(2015) | |
अन्य युगल प्रतियोगितायें | ||
ओलम्पिक | 2आर (2008) | |
ज्ञानसंदूक आखिरी बार बदला गया: 25 सितम्बर 2017. |
पदक रिकार्ड | |||
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महिला टेनिस | |||
एफ्रो एशियाई खेलों | |||
स्वर्ण | 2003 हैदराबाद | एकल | |
स्वर्ण | 2003 हैदराबाद | मिश्रित महिला युगल | |
स्वर्ण | 2003 हैदराबाद | मिश्रित युगल | |
स्वर्ण | 2003 हैदराबाद | टीम | |
एशियाई खेल | |||
स्वर्ण | 2006 दोहा | मिश्रित युगल | |
रजत | 2006 दोहा | एकल | |
रजत | 2006 दोहा | टीम | |
रजत | 2010 गुआंगज़ौ | मिश्रित युगल | |
कांस्य | 2010 गुआंगज़ौ | एकल | |
कांस्य | 2010 बुसान | मिश्रित युगल | |
राष्ट्रमण्डल खेल | |||
रजत | 2010 दिल्ली | एकल | |
कांस्य | 2010 दिल्ली | महिला युगल |
अपने कॅरियर की शुरुआत उन्होंने 1999 में विश्व जूनियर टेनिस चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर किया। इसके बाद उन्होंने कई अंतररार्ष्ट्रीय मैचों में हिस्सा लिया और सफलता भी पाई। 2003 उनके जीवन का सबसे रोचक मोड़ बना जब भारत की तरफ से वाइल्ड कार्ड एंट्री करने के बाद सानिया मिर्ज़ा ने विम्बलडन में डबल्स के दौरान जीत हासिल की। वर्ष 2004 में बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें 2005 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2005 के अंत में उनकी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग 42 हो चुकी थी जो किसी भी भारतीय टेनिस खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा थी। 2009 में वह भारत की तरफ से ग्रैंड स्लैम जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं।[4]
सानिया के पिता इमरान मिर्ज़ा एक खेल संवाददाता थे। कुछ समय के बाद उन्हें हैदराबाद जाना पड़ा जहां एक पारंपरिक शिया खानदान के रूप में सानिया का बचपन गुजरा। निज़ाम क्लब हैदराबाद में सानिया ने छ्ह साल की उम्र से टेनिस खेलना शुरु किया था। महेश भूपति के पिता सीके भूपति से सानिया ने अपनी शुरुआती कोचिंग ली। अक्टूबर 2005 में टाइम पत्रिका के द्वारा सानिया को एशिया के 50 नायकों में नामित किया गया था।[5] मार्च 2010 में नवभारत टाइम्स समाचार पत्र के द्वारा उन्हें भारत की गौरवान्वित 33 महिलाओं की सूची में नामित किया गया।[4] वर्तमान में, वे नवगठित भारतीय राज्य तेलंगाना की 'ब्रांड एंबेसडर' हैं।[6]
सान्या ने अपने करियर का आखिरी मैच फरवरी 2023 में दुबई ड्यूटी फ्री टेनिस चैंपियनशिप में खेला था। 20 साल के करियर में, वह छह बार ग्रैंड स्लैम युगल विजेता रहीं।[7]